Department
of General Education, Kerala
Annual Examination March –
2012
Hindi Std IX
Model Answers
1.
पानी के
समाप्त हो जाने से -जिंदगानी
मिट जाएगी।
2.
नानी ने
हमें यह समझाया कि हमें पानी
व्यर्थ बहाना याने
3.
यह छोटी
कविता पानी के महत्व पर बल
देनेवाली है।
इसमें
नानी कहती है कि हमें कभी भी
पानी व्यर्थ बहाना
नहीं
चाहिए। पानी व्यर्थ बहाने पर
हमारी जिंदगी भी नष्ट हो
जाएगी।
क्योंकि जल ही जीवन है। जल के
बिना जीना
असंभव
है। जल के संरक्षण के लिए हमें
अधिकाधिक पेड़-
पौधे
लगाकर धरती को हरी-भरी
बनानी है। ऐसा करने पर
जल-रूपी
अमूल्य रत्न हमें सदा मिलता
रहेगा।
जल
के एक-एक
बूँद बचाने का उपदेश देनेवाली
यह कविता
एक
उपदेशात्मक कविता है। यह
पाठकों को अधिकाधिक पेड़
लगाने
की प्रेरणा भी देती है। यह
कविता बिलकुल प्रासंगिक और
अच्छी
है।
4.
വിദ്യാഭ്യാസം
നേടുന്നവന് തന്നെയാണ്
വിദ്യാര്ത്ഥി.
ഇന്നത്തെ
വിദ്യാര്ത്ഥികള് നാളത്തെ
പൗരന്മാരാണ്.
അതുകൊണ്ട്
അവര്ക്ക് തങ്ങളുടെ
കര്ത്തവ്യത്തെക്കുറിച്ച്
ബോധമുണ്ടായിരിക്കണം.
5.
क्रमबद्ध
करके लिखें-
डाकवाली
गाड़ी आई।
चौधरी
का पिंसन मनि आर्डर आया।
दो
बर्मी लड़कियाँ दाल-चावल
माँगने आईं।
युद्ध
के बारे में पता चला।
6.
गंगाबिशन
की डायरीः
आज
सुबह से आकाश में बादल छाए हुए
थे। देखकर
मेरे
बाबा,
काका सब
बड़ी चिंता में थे। मेरे
बाबा-काका
खेती
करनेवाले
हैं और बारिश को आते देख खुश
होनेवाले थे।
लेकिन...
आज उन्हें
क्या हुआ...
मेरे
पूछने पर उन्होंने कहा
कि
नर्मदा मैया पर बड़ा बाँध
बनाया गया है। बाँध में पानी
भरने
पर
हमारे गाँव,
खेत,
स्कूल-
सब डूब
जाएँगे!
हे भगवान!
हम
इस
गाँव को छोड़कर कहाँ जाएँगे?
हमारे
स्कूल और मित्रों को
कैसे
छोड़ सकते हैं,
भूल सकते
हैं? यह
सहना मुश्किल है।
हे
भगवान!
हमें इस
विपत्ति से बचाए। आज का दिन
दुख भरा
दिन
था।
7.
जिवन-वृत्त
के सहारे जीवनीः
मशहूर
हिंदी साहित्यकार श्री
उपेन्द्रनाथ अश्क का जन्म
पंजाब
राज्य में 14
दिसंबर
1910 को
हुआ। पं.
माधोराम
और
श्रीमती कौशल्या अश्क उनके
माँ-बाप
थे। स्कूली शिक्षा
पूरी
करके उन्होंने बी.ए.
और एल.एल.बी.
की उपाधियाँ
भी
प्राप्त
की थीं। वे हिंदी,
उर्दू,
पंजाबी
और अंग्रेज़ी जानते थे। वे
एक
अध्यापक थे,
पत्रकारिता
के क्षेत्र में भी कार्यरत
थे।
उन्होंने
कई साहित्यिक रचनाएँ की थीं।
'बरगद
की बेटी',
'सितारों
के खेल',
'पिंजरा',
'तूफान
से पहले'
आदि उनकी
सबसे
प्रसिद्ध रचनाएँ हैं।
8. जल दिवस
– पोस्टर
मार्च 21 विश्व जल दिवस
जल जीवन है! एक-एक बूँद बचाएँ!!
अधिकाधिक पेड़-पौधे लगाकर धरती को हरी-भरी बनाएँ।
जलस्रोतों को सुरक्षित रखें।
9.
जल प्रकृति
का वरदान है,
मुफ़्त
में मिलता भी रहता है।
गरीब
लोगों को पेट-भर
खाना नहीं मिलता,
लेकिन
पीने
का पानी मिलता है। प्राकृतिक
असंतुलन,
पेड़ों
का
काटना,
जलस्रोतों
की बिगड़ी हालत,
बारिश
की कमी
आदि
पानी के मिलने में भी बाधा
डालते हैं।
इसलिए
लेखक ने कहा कि 'अब
हमें अपनी प्यास से
भी
लड़ना होगा'।
10.
किसान
और उनके भाई के बीच का वार्तालाप
किसान
का भाईः आओ भैया। कैसे आए?
किसानः
मैं रेलगाड़ी से आया।
भाईः
बताओ क्या बात है?
किसानः
मुझे कुछ अच्छे बीज चाहिए।
गेहूँ,
धान
और
मकई।
भाईः
बीज
तो नहीं है भैया। ज़रा भी बची
नहीं।
किसानः
गाँव में ड्योढ़े में मिलने
की संभावना है।
वह
देखना पड़ेगा।
भाईः
यहाँ तक आए हो न,
मेरा
एक मेमना है। जाते
समय
उसे भी लेके जाओ।
किसानः
रेल में भीड़ होगी तो मुश्किल
होगा न?
भाईः
लेकिन गाँव पहुँचने पर ज़रूर
उपयोगी होगा।
किसानः
तो ठीक है,
ले जाता
हूँ।
भाईः
खाना खाके आराम से जाना।
मुहावरे
का प्रयोग करके वाक्य का
पुनर्लेखनः
11.
उसने भाई
के घर में टिक जाने का निश्चय
किया।
12.
जब पाँडवों
ने रहने की जगह मांगी तो दुर्योधन
ने
अंगूठा
दिखाया।
13.
अचानक
साँप को सामने देखकर मेरा साँस
अटक गया।
14.
बाँध (लघु
लेख)
नदी या
जलाशय के जलप्रवाह को रोकने
के लिए
सिमेंट,
चूना,
रेत,
पत्थर
आदि से जो बंधन लगाया जाता
है
उसे बाँध कहते हैं।
बाँध की
सहायता से जल प्रवाह को रोककर
बड़ी
ऊँचाई
में जल संचयन किया जाता है।
संचित जल को
नालों
में बहाकर खेती केलिए उपयोग
किया जाता है।
इसी
तरह जल की ऊर्जा से जनरेटर
चलाकर बिजली
भी
पैदा की जाती है।
बाँध
विभिन्न प्रकार से बनाए जाते
हैं। विभिन्न आकार
और
प्रकार से बाँध बनाए जाते हैं।
बाँध की सहायता से
बहुत
बड़े भूभाग में खेती की जाती
है और कम खर्च में
बिजली
पैदा की जाती है।
बड़े-बड़े
बाँध बनाते समय बड़े भूभाग
में से लोगों को
उजाड़
दिया जाता है। ऐसे लाखों लोगों
को अपने घर,
गाँव,
स्कूल
सब छोड़कर जाना पड़ता है।
पर्यावरण पर
भी
इसका बुरा असर होता है।
15.
गाँधीजी
जब कोष़िक्कोड आए तब कौमुदी
ने उन्हें देखा।
उस
दिन कौमुदी ने आभूषण छोड़ने
का निश्चय किया।
16.
हम रोज़
स्कूल जाते थे/जाती
थीं। आज मैं अकेले
जाता
हूँ/जाती
हूँ।
17.
अपने देश
के प्रति मनुष्य के मन
में जो ममता है उसी का
नाम
है देशप्रेम। हमें अपने देश
का आदर करना चाहिए।
तैयारीः
रवि.
एम.,
सरकारी
हायर सेकंडरी स्कूल,
कडन्नप्पल्लि,
कण्णूर,
670501.
नोटः
यह एक नमूना मात्र है। और भी
नमूने आप निकाल सकते हैं।
प्रश्न पत्र भी साथ देने की कृपा करें।
ReplyDeleteमहोदय, मार्च 2012 में हुई नवीं हिंदी की परीक्षा केरल भर में एक ही है न? इसलिए इसके साथ नहीं जोड़ा है। ज़रूरी है तो हम प्रस्तुत करेंगे ही।
Deleteचिराग