VIII Hin Mar 2016 Model
Ans Paper
1.
पाठ-प्रोक्ति-रचयिताः
तालिका की पूर्ति 3
- पाठप्रोक्तिरचयितापिता का प्रायश्चितसंस्मरणअरुण गाँधीइस बारिश मेंकवितानरेश सक्सेनाज्ञानमार्गएकांकीअसगर बज़ाहत
2.
कोष्ठक
से घटनाएँ चुनकर क्रमानुसार
पूर्ति 2
- माँ ऊपर आसमान की ओर बड़ी देर तक देखती रही।
- लड़के के मन में माँ के बटुए से पैसे चुराने का भी ख्याल आया।
- अंधेरे में उसकी हथेली में एक अठन्नी दमक रही थी।
- उसने ईश्वर से माँगा था, दुकानदार से नहीं।
3.
श्रीमती
संतोष यादव की चरित्रगत
विशेषताएँ 2
- समाज की खुशी चाहनेवाली।
परिस्थितियों से डरनेवाली।- बचपन से ही जिज्ञासु।
सूचनाः
4 से
6 तक
के प्रश्नों के उचित उत्तर
कोष्ठक से चुनकर लिखें।
4.
"उस दिन
मैं ने जीवन का एक अहम निर्णय
लिया- मैं
कभी भी झूठ नहीं बोलूँगा।"-
यह अरुण
गाँधी का निर्णय था। 1
5.
'पानीदार
होना'-
इसका मतलब
है -
सम्माननीय
होना। 1
6.
सप्तम
को आराम करने की जगह लड़के
ने दी। 1
सूचनाः
7 से
10 तक
के प्रश्नों में से किन्हीं
तीन के उत्तर लिखें । (3x2=6)
7.
किसान
की ज़मीन किसी शोषक (दलाल,
महाजन
आदि) के
पास चली गई। आर्थिक कठिनाई
से शोषकों के जाल में फँसनेवाले
किसान की हालत यहाँ वर्णित
है। ऐसे किसान जीवन की विभिन्न
सुविधाओं से वंचित रहते हैं।
याने यहाँ किसानों की शोचनीय
दशा की ओर संकेत है।
8.
मैं सहमत
हूँ। हमें ठीक तरह से पढ़ाई
करके परीक्षा लिखनी चाहिए।
नकल करके पास होना कभी भी ठीक
नहीं है।
9.
अरुण को
ठीक पाँच बजे अपने पिताजी की
मीटिंग की जगह पहुँचना था।
लेकिन पहुँचते समय छह बज चुका
था। इसलिए अरुण गाँधी झूठ बोले
कि कार तैयार नहीं थी इसलिए
देर हुई।
10.
यह कल्पना
जल की दुर्लभता का संकेत देती
है। विभिन्न समस्याओं के
फलस्वरूप जल की दुर्लभता बढ़ती
जा रही है। यह एक अत्यंत भयानक
समस्या है।
11.
समानार्थी
शब्द चुनकर तालिका की पूर्ति 3
- बारिशवर्षाज़मीनभूमिघटामेघआसमानआकाशबदनशरीरसाँझसंध्यानिशारात
12.
संशोधन 2
गीता
सात (साथ)
साल की
(का)
लड़की
है। वह दूसरी कक्षा में पढ़ती
(पढ़ता)
है। उसका
(वह
का) भाई
पाँचवीं कक्षा में पढ़ता है।
13.
'सफ़ेद
गुड़' में
'सफ़ेद'
शब्द
विशेषण है। 1
14.
'उसके'
में
प्रयुक्त सर्वनाम वह है।
(वह+के=उसके) 1
सूचनाः15-17
कवितांश
के आधार पर उत्तर
15.
धरती माता
ने बादल जी के नाम खत भेजा। 1
16.
गर्मी/बादल
के नाम धरती का पत्र/बादल
से 1
17.
कविता
का आशय 3
रचनाकार
ने यह कवितांश 'बादलजी
के नाम धरती का पत्र'
के रूप
में प्रस्तुत किया है। वर्तमान
समाज की भीषण समस्या-सूखा
यहाँ वर्णित है।
धरती
मता ने बादल दादा के नाम पत्र
लिखा है-
हे दादा,
तुम्हें
प्रणाम!
मेरा शरीर
दिन-ब-दिन
सूखता जा रहा है। पिछले कई
बरसों से नियमित रूप से वर्षा
नहीं हो रही है। इससे प्रकृति
पर बड़ा असंतुलन हो रहा है,
जलवायु
पर उसका दुष्परिणाम हो रहा
है, मैं
बहुत चिंतित हूँ कि इस बार
क्या परिणाम होनेवाला है।
बड़ी
गर्मी में धरती तपती रहती है।
सभी पशु-पक्षियों
और वनस्पतियों पर इसका बुरा
असर हो रहा है। ऐसे सन्दर्भ
में यह कवितांश बिलकुल अच्छा
और प्रासंगिक है। पत्र के रूप
में यह कवितांश बहुत अच्छा
लगता है।
18-20
गद्यांश
के आधार पर उत्तर
18.
मरीज़
का पूरा भरोसा डॉक्टर पर
है। 1
19.
डॉक्टर
को कर्तव्यनिष्ठ होना चाहिए।
उसे रात-दिन
किसी भी व्यक्ति की सेवा के
लिए तैयार होना चाहिए। 2
20.
मातृभाषा
में अनुवाद 2
രാത്രിയാകട്ടെ
പകലാകട്ടെ,
രാവിലെയാകട്ടെ
വൈകുന്നേരമാകട്ടെ ഒരു ഡോക്ടര്
രോഗികള്ക്കായി സമയം
കണ്ടെത്തുന്നയാളായിരിക്കണം
सूचनाः
21 से
23 तक
के प्रश्नों में से किन्हीं
दो के उत्तर लिखें। (2x4=8)
21.
जल संरक्षण
की आवश्यकता का संदेश देते
हुए पोस्टर
- जल जीवन है
- जल है तो कल है
- जल का उपयोग सावधानी से करें।
- जल का दुरुपयोग न करें
- अधिकाधिक पेड़ लगाएँ
- धरती को हरी-भरी बनाएँ
- अधिकाधिक बारिश मिले
- भविष्य के लिए
- आगामी पीढ़ी के लिए
- एक-एक बूँद बचाएँ
- जलस्रोतों की रक्षा करेंजल संरक्षण समिति22. संतोष यादव एवरेस्ट की चोटी पर पहुँच गई- रपट
संतोष
यादवः एवरेस्ट की चोटी पर
दूसरी बार
हरियाणा
के रेवाड़ी ज़िले की संतोष
यादव माउंट एवरेस्ट की चोटी
पर दो बार पहुँचनेवाली प्रथम
भारतीय महिला बनी। आपने पहले
मई 1992 में
एवरेस्ट पर पहुँचने में सफलता
प्राप्त की थी। अब मई 1993
में आप
दूसरी बार एवरेस्ट पर चढ़ी
हैं। यह निडर युवती बचपन से
जिज्ञासु प्रकृति की थीं।
एवरेस्ट पर चढ़ने के लिए परिवार
से अनुमति मिलना मुश्किल था।
लेकिन दृढ़ निश्चयवाली संतोष
के सामने उनके पिताजी को भी
अंत में हार माननी पड़ी। आजकल
वे भारत-तिबत
सीमा पुलिस में अफसर हैं।
23. अरुण
गाँधी की डायरी
तारीखः...................
आज
मैं पिताजी के साथ कार में
डरबन शहर गया। पिताजी को शाम
तक एक मीटिंग थी। उसके बीच में
मुझे विभिन्न कार्य करने थे।
कार की सर्वीसिंग भी थी। मैंने
सबकुछ फटाफट किया और एक अंग्रेज़ी
फिल्म देखने एक सिनेमाघर घुसा।
फिल्म देखते देखते देर हो गया।
कार लेकर पिताजी के पास पहुँचते
वक्त छह बज गया था। पिताजी
पाँच बजे से मेरे लिए इंतज़ार
कर रहे थे। मैं झूठ बोला कि
कार तैयार नहीं थी। पिताजी
को पता था कि वह झूठ है। इसलिए
पिताजी कार में न चढ़कर घर तक
18 मील
पैदल चलने का निश्चय किया।
पिताजी को इतना कष्ट उठाकर
घर तक चलते देख मुझे अत्यधिक
कष्ट हुआ। मैंने आज एक अहम
निर्णल लिया कि मैं कभी भी झूठ
नहीं बोलूँगा। आज का दिन मैं
कभी भूल नहीं सकता।
ravi. m., hindiblog
No comments:
Post a Comment