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Hin Qn Aug 2016 Ans
सूचनाः
कविता पढ़ें और 1
से
3
तक
के प्रश्नों के उत्तर लिखें।
1.
सही
प्रस्ताव चुनकर लिखें। 1
मकसद
की याद दिलानेवाले सपनों को
पालना है।
2.
यह
आशयवाली दो पंक्तियाँ चुनकर
लिखें । 2
हमें
निंद तोड़नेवाले सपनों को
पालना है ।
हम
उन सपनों को पालेंगे
जो
नींद चुरा ले जाते है ।
3.
कविता
पर टिप्पणी 4
'हम
उन सपनों को पालेंगे'
नामक
छोटी कविता में रचनाकार कहते
हैं कि हमें जिंदगी में आगे
बढ़ने के लिए 'अच्छे
सपने देखने'
हैं।
'सपना
देखना'
एक
शैली है। इसका मतलब परंपरागत
अर्थ से बिलकुल भिन्न है।
सपना
हम प्रायः सोते वक्त देखते
हैं। लेकिन वह तो सार्थक होने
की संभावना बहुत कम है। लेकिन
'सपना
देखना'
एक
शैली बन जाए तो मतलब है जिंदगी
में अच्छे पद पर पहुँचने के
लिए या अच्छे लक्ष्य प्राप्त
करने के लिए आगे बढ़ना। डॉ.
कलाम
ने कहा था कि सपने वे नहीं
हैं जो सोते वक्त देखे जाते
हैं,
सपने
वे हैं जिसके लिए हम नींद छोड़
देते हैं। सपने हमारी नींद
चुरा ले जाएँ,
मन
में बेचैनी लाएँ,
जो
हमें सदा हमारा लक्ष्य याद
कराएँ,
हमारे
मन में ज्याति जगाएँ। याने
यहाँ सपना देखना एक काल्पनिक
बात नहीं। जिंदगी में अच्छे
परिणाम के लिए,
अच्छे
लक्ष्यों को साकार कराने के
लिए परिश्रम होते हैं वे ही
सही सपने हैं।
समाज
में बहुत से लोग आलसी और लक्ष्यहीन
हैं। ऐसी हालत में पाठकों को,
विशेषतः
बच्चों और युवकों को अच्छे
सपने देखने का उपदेश देनेवाली
यह कविता बहुत अच्छी और प्रासंगिक
है।
(सोते
वक्त :
सोते
समय,
संभावना
:
സാധ്യത
बेचैनी :
अशांति,
याद
कराना :
ഓര്മ്മപ്പെടുത്തുക,
काल्पनिक
:
സാങ്കല്പികമായ,
साकार
करना :
സാക്ഷാല്ക്കരിക്കുക)
सूचनाः
प्रश्न 4-6
गद्यांश
के आधार पर उत्तर लिखें।
4.
बेला
और साहिल दोनों पाँचवीं कक्षा
में पढ़नेवाले दो छात्र हैं।
दोनों अच्छे मित्र हैं। वे
एकसाथ स्कूल जाते हैं और रास्ते
में खेतों में बीरबहूटियों
को ढूँढते हैं। कक्षा में हैं
तो साहिल जो करता है वही बेला
भी करती है। कविता पढ़ते समय,
पानी
पीने जाते समय आदि विभिन्न
कार्य वे एकसाथ करते हैं। वे
एक दूसरे की कॉपी में चित्र
बनाते थे। पाँचवीं का रिज़ल्ट
आने पर दोनों बहुत दुखी होते
हैं,
आँखें
डबड़बाती हैं क्योंकि छठी
कक्षा में दोनों अलग-अलग
स्कूलों में पढ़नेवाले हैं।
6.
गद्यांश
पर पटकथा 4
फुलेरा
कस्बे की एक गली। पूर्वाह्न
11
बजे।
एक
लड़का और लड़की। दोनों 10-11
साल
के हैं,
स्कूली
यूनिफार्म में हैं। गली की
एक ओर छाया में दोनों खड़े
हैं।
बेलाः
साहिल,
हम
दोनों पाँचवीं पास हो गये हैं।
हैं न?
साहिलः
हाँ बेला। हम दोनों अगले साल
छठी कक्षा में पढ़ेंगे।
बेलाः
साहिल,
अगले
साल तुम कहाँ पढ़ोगे?
साहिलः
तुम कहाँ पढ़ोगी?
बेलाः
मेरे पापा कह रहे थे कि मुझे
राजकीय कन्या पाठशाला में
पढ़ाएँगे। और तुम?
साहिलः
मुझे अगले साल अजमेर भेज देंगे।
वहाँ एक हॉस्टल है,
घर
से दूर वहाँ अकेला रहूँगा।
बेलाः
क्यों साहिल?
साहिलः
पता नहीं क्यों।
7.
कवि
के अनुसार अक्षौहिणी सेना को
अर्जुन का पुत्र अभिमन्यु का
पुत्र अभिमन्यु चुनौती देगा। 1
8.
पंक्तियों
की प्रासंगिकता 4
हिंदी
के मशहूर कवि धर्मवीर भारती
की कविता टूटा पहिया में
लघुमानव की प्रधानता पर बल
दिया गया है। अक्षौहिणी सेनाओं
को चुनौती देते हुए चक्रव्यूह
में प्रवेश किए दुस्साहसी
अभिमन्यु का,
कौरव
सेना के महारथियों ने मिलकर
सामना किया। उसे निरायुध बना
दिया,
रथ,
सारथी,
घोड़े
आदि नष्ट कर दिए गए। ऐसे अवसर
पर अभिमन्यु रणक्षेत्र में
अकेला और निरायुध बन जाता है।
निराश्रय अभिमन्यु एक टूटे
पहिए की सहायता से दुश्मनों
का सामना करता है। याने एक
टूटा हुआ पहिया भी कभी-कभी
बड़ी किसी को सहायता दे सकता
है,
बड़ी
भूमिका निभा सकता है। इस प्रकार
एक लघु मानव भी कभी-कभी
क्रांति का वाहक तक बन जा सकता
है। कवि सभीको याद दिलाता है
कि लघु मानवों की भी उपेक्षा
नहीं की जानी चाहिए।
(सामना
करना :
നേരിടുക
भूमिका निभाना :
സ്ഥാനം
വഹിക്കുക क्रांति का वाहक :
വിപ്ലവവാഹകന്
उपेक्षा करना :
അവഗണിക്കുക)
सूचनाः
प्रश्न 9-11
गद्यांश
के आधार पर
9.
प्रस्तुत
प्रसंग में दम निकल जाना का
मतलब है थक जाना। 1
10.
जटायु
की हालत ऐसी थी। जटायु का
हाल ऐसा था। 1
11.
जटायु
की डायरी 4
तारीखः.................
स्थानः..................
आज
मैं फेलू और तोपसे के साथ
जैसलमेर जा रहा था। पता नहीं
किसका षड्यंत्र था हमारी गाड़ी
का टायर पंक्चर हो गया। हमें
तो आठ मील दूर रामदेवरा स्टेशन
पहुँचना था। थोड़ी देर के बाद
ऊँटों का एक दल आता दिखाई पड़ा।
फेलू ने कहा कि ऊँटों से स्टेशन
तक जाएँगे। ऊँटों पर चढ़ने
की इच्छा था लेकिन उस जानवर
को सामने पाकर डर लगा। वाप रे!
क्या
जानवर है!
नशेड़ियों
की तरह अधखुली और मदहोश आँखें,
ऊबड़-खाबड़
कुदाल जैसे दाँत,
लटके
हुए होंठ उलटकर न जाने क्या
चबाते रहते हैं। फेलू और तोपसे
जल्दी ही उनपर चढ़े। लेकिन
मैं जल्दी चढ़ नहीं पाया।
ऊँटों पर हिंडोला खाते हुए
चलते समय रेलगाड़ी आती हुई
दिखाई दी। पटरी के पास तेज़
चलकर गाड़ी को रोकने के लिए
रूमाल हिलाया। लेकिन गाड़ी
तो बिना रुके चली गई। फिर
रामदेवरा तक ऊँटों पर चलकर
ही पहुँच गए। आज की यात्रा एक
विचित्र अनुभव था।
(षड्यंत्र
:
ഗൂഢാലോചന)
12-14
गद्यांश
के आधार पर उत्तर
12.
छत
से गिरने के कारण बेला के सिर
पर चोट लगी थी। अतः सिर में
पट्टी बँधवाने के लिए वह अस्पताल
आयी। 1
13.
इमली
की डाली पकड़कर झूलते समय
स्टूल पर गिरने से साहिल की
पिंडली में स्टूल की कील से
चोट लगी। उसे पट्टी बँधवाने
के लिए वह अस्पताल ले जाया
गया। 2
14.
बेला-साहिल
वार्तालाप 4
साहिलः
बेला क्यों आई हो?
बेलाः
मेरे सिर पर पट्टी बँधवाने
के लिए।
साः
ठीक नहीं हुआ?
बेः
नहीं। और 4-5
दिन
लगेंगे। तुम क्यों आए?
साः
मेरी पिंडली में चोट लगी है।
बेः
कैसे?
साः
इमली की डाली पकड़कर झूम रहा
था। स्टूल पर गिरा। बेला,
यह
मेरे पिताजी है।
तुम्हारे
साथ कौन है?
(अपने
पिताजी से)
पापा,
यह
बेला,
मेरी
सहपाठी है।
साहिल
के पिताजीः कैसी हो बेटा?
बेः
जी मैं ठीक हूँ।
साः
तुम्हारे साथ कौन आए हैं?
बेः
मेरे साथ पिताजी हैं,
फार्मसी
से दवाएँ ले रहे हैं।
साः
तुम कल स्कूल नहीं आओगी?
बेः
ज़रूर आऊँगी। तुम्हारी चोट
ठीक होने में कितने दिन लगेंगे?
साः
पता नहीं। लगता है जल्दी ठीक
हो जाएगी। कुछ दिन तक गोलियाँ
भी हैं। तो कल मिलेंगे बेला।
बेः
ठीक है। (गोलियाँ
:
ഗുളികകള്)
15-16
कवितांश
के आधार पर उत्तर
15.
कवि
व्यक्ति की हताशा को जानता
था। 1
16.
कवितांश
के आधार पर व्याख्या
4
विनोदकुमार
शुक्ल की कविता हताशा से एक
व्यक्ति बैठ गया था के अनुसार
एक व्यक्ति को जानने का मतलब
उस व्यक्ति के नाम,
पता,
उम्र,
ओहदा
आदि से जानना नहीं। सही जानना
यह है कि किसी व्यक्ति को उसकी
हताशा,
निराशा,
असहायता
या उसके संकट से जानना। किसी
मुसीबत में पड़े व्यक्ति को
हम उसके नाम,
पता,
उम्र,
जाति,
ओहदा,
धर्म
आदि जानकर उसे बचाने का प्रयास
नहीं करेंगे। लेकिन हम यह
जानते हैं कि उस व्यक्ति को
हमारी मदद की ज़रूरत होती है।
तब उसकी सहायता करना हमारा
दायित्व होता है। उसके प्रति
अनुताप प्रकट करना होता है।
ऐसे एक व्यक्ति को हाथ देकर
उसे उठने में सहायता करना,
कंधा
देकर साथ-साथ
चलना या सांत्वना देना आदि
अत्यंत आवश्यक होता है। तब
उस हताश व्यक्ति को बहुत बड़ा
आराम मिलता है। कभी-कभी
हताशा के कारण लोग आत्महत्या
तक करते हैं। ऐसा व्यक्ति सही
समय पर हमारी सहायता मिलने
पर जिंदगी की ओर वापस आ जाता
है। याने यहाँ उसकी हताशा,
निराशा,
असहायता
या उसके संकट से नहीं जानते
तो हम कुछ नहीं जानते। याने
दो मनुष्यों के बीच मनुष्यता
का अहसास यानी मानवीय संवेदना
होना ज़रूरी है।
17.
संबंध
पहचानकर सही मिलान 3
-
एक दूसरे के बहुत नज़दीक रहकर
बल्कि कहना चाहिए कि बिलकुल सटकर बीरबहूटियाँ खोजते थे।
यह व्यक्ति मुसीबत में है
और हमारी मदद की ज़रूरत है
ऊँट देखकर हमें हँसी-सी आती है
लेकिन उनको (राजस्थान वालों को) नहीं।
Ravi.
M., GHSS, Kadannappally, Kannur.
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