Dec 2015 IX Hin Qn Ans
1.
पाठ-प्रोक्ति-रचयिताः
तालिका की पूर्ति 2
-
पाठप्रोक्तिरचयितामेरा सबकुछ अप्रिय है उनकी नज़र मेंकवितानिर्मला पुतुलसिपाही की माँएकांकीमोहन राकेशमेमनाकहानीलोकबाबूऐसा था मेरा बचपनआत्मकथाओमप्रकाश वाल्मीकि
2. कोष्ठक
से घटनाएँ चुनकर लिखना 2
- मुन्नी डाकवाली गाड़ी की आवाज़ सुनकर बाहर चली जाती है।
- मुन्नी निराश होकर लौटती है।
- बिशनी चिट्ठी के बारे में पूछती है।
- केवल चौधरी का पिंसन का मनिआर्डर आया है।
3.
मेमना कहानी के
किसान की चरित्रगत विशेषताएँ 2
- अच्छे बीजों की तलाश करनेवाला।
आलसी स्वभाववाला।- अन्याय के प्रति आवाज़ उठानेवाला।
4-7
सही उत्तर
कोष्ठक से चुनकर लिखना
4.
मज़ाक उड़ाना का
अर्थ है- परिहास
करना। 1
5.
शीशम के पेड़ के
टहनियाँ तोड़कर झाड़ू बणा
ले। यह हेडमास्टर ने कहा। 1
6.
बिशनी मानक की
चिट्ठी की प्रतीक्षा में
थी। 1
7.
'मैं किसी को अपना
शत्रु नहीं मानता'-
गाँधीजी। 1
8से
10 तक
के प्रश्नों में से किन्हीं
दो के उत्तर लिखें।
8.
स्कूल एक धर्मनिरपेक्ष
संस्था है। वहाँ पढ़ने के लिए
आए छात्र से खानदानी काम बताकर
झाड़ू लगवाना घोर अन्याय है।
हेडमास्टर का काम बिल्कुल
दंडनीय है। मैं हेडमास्टर इस
कार्य से सहमत नहीं हूँ। 2
9.
परमाणु बम के
विस्फोट की अत्यधिक गर्मी
में मानव जलकर भाप हो गए थे।
केवल उनकी छायाएँ मात्र बाकी
रह गई थीं। यहाँ कवि अज्ञेय
ने अणुबम विस्फोट की भीषणता
की ओर पाठकों का ध्यान आकर्षित
किया है। 2
10.
खेती नहीं करनेवाला
किसान पहले सबेरे ही बैलों
को निकालता था। अब उसके स्थान
पर बड़े सबेरे साइकिल निकालकर
काम करने के लिए शहर की ओर जाता
है। खेती एक संस्कृति है। यहाँ
किसान उस संस्कृति को ही छोड़ने
विवश हो रहा है। यह एक नकारात्मक
परिवर्तन है। 2
11.
संशोधन 2
डिब्बे
में शेष यात्रियों का ध्यान
इनकी ओर ही था। उनकी सहानुभूति
किसान की ओर थी।
12.
रेखांकित अंश को
बहुवचन में बदलकर पुनर्लेखन। 1
लड़कियाँ
स्कूल जाती हैं।
13.
योजक का प्रयोग
करके लिखना- 1
सूरज
निकला और प्रकाश फैल गया।
प्रकाश फैल गया क्योंकि सूरज
निकला।
14-16 कविता
के आधार पर उत्तर
14. पंछी
वन में मिलजुलकर रहते
हैं। 1
15. 'पंछी' 1
16. कविता
का आशय 3
इस
कवितांश में कवि पक्षियों की
एकता एवं स्वच्छंदता का वर्णन
करते हैं।
कवि
कहते हैं कि वन में कितने प्रकार
के पक्षी हैं!
खंजन,
कपोत,
चातक,
कोकिल,
काक,
हंस,
शुक आदि विभिन्न
प्रकार के पक्षी आपस में
हिलमिलकर रहते हैं। वे मिलजुलकर
खाते हैं और आसमान में स्वच्छंद
विचरण करते हैं। उन्हें जहाँ
भी चाहे जाने की आज़ादी भी है।
मानव
आपस में जाति,
धर्म,
वर्ण आदि के नाम
पर झगड़ा करते या लड़ते समय
जंगल में विभिन्न प्रकार के
पक्षी बड़ी एकता से रहते हैं।
एकता या बल पर महत्व देनेवाला
यह कवितांश बिलकुल अच्छा और
प्रासंगिक है।
17-21 गद्यांश
के आधार पर उत्तर
17. सागर
और नदियों से जल बाष्पीकरण
द्वारा बादलों का रूप धारण
करता है। 1
18. पृथ्वी
शब्द संज्ञा है। 1
19. वर्षा
के बाद कुछ जल तालाबों,
पोखरों,
झीलों आदि में
रुक जाता है। लेकिन इसका बड़ा
भाग नदी-नालों
से होता हुआ पुन:
सागर में पहुँच
जाता है। 2
20. गद्यांश
से दो क्रिया शब्दः धारण करता
है, गिरता
है। 1
अन्य क्रिया शब्दः
रुक जाता है, मिल
जाता है, भरा
हुआ है।
21. इसका
में प्रयुक सर्वनाम यह
है। 1
22. ऐसा
था मेरा बचपन नाटक का मंचीकरण
– पोस्टर 4
सरकारी हायर सेकंडरी
स्कूल, कडन्नप्पल्लि
निराला हिंदी
मंच की ओर से
ऐसा
था मेरा बचपन
('जूठन'
आत्मकथा
का नाटकाविष्कार)
का मंचीकरण होता है
5 जनवरी
2016,
मंगलवार
प्रातः दस बजे
मूल रचनाकारः ओमप्रकाश
वाल्मीकि
निर्देशनः अभिजित.
पी.वी.
स्थानः स्कूल ऑडिटोरियम
में
सबका
स्वागत है
सचिव
प्रधानाध्यापिका
23-25 किन्हीं
दो प्रश्नों के उत्तर लिखें।
23. इस
मंगलवार को भी भैया की चिट्ठी
नहीं आई। मुन्नी की डायरी- 4
तारीखः...........................
आज भी
भैया की चिट्ठी नहीं आई। घर
का वातावरण हमेशा शोकमय रहने
लगा है। माँ की आँखें सदा भरी
रहती हैं। भैया को यह क्या
हुआ? पहले
कभी ऐसा नहीं हुआ था। माँ को
साँत्वना देना भी मुश्किल हो
रहा है। मैं अगले मंगलवार को
भैया की चिट्ठी आएगी कहके माँ
को शांत करती हूँ। लेकिन चिट्ठी
न आने पर माँ के सम्मुख जाना
भी मुश्किल होता है। हे भगवान!
मेरे भैया को
सुरक्षित रखे। अगले मंगल को
भैया की चिट्ठी ज़रूर आए या
भैया खुद आए। ऐसी हालत में दिन
बिताना भी मुश्किल होता है।
24. गाँधीजी
और अहिंसा - लघु
लेख 4
गाँधीजी
और अहिंसा
गाँधीजी
अहिंसा के पुजारी माने जाते
हैं। वे अपनी जिंदगी भर अहिंसा
के लिए जीवित रहे थे।
गाँधीजी
किसी को अपना शत्रु नहीं मानते
थे। जिंदगी भर उनका काम था-
जाति,
रंग या धर्म का
भेद किए बिना मानव जाति को
मित्र बनाकर सारी मानव जाति
की मैत्री प्राप्त करना।
ब्रिटिश शासन का विरोध करते
समय भी वे ब्रिटिष जनता का
विरोध नहीं करते थे। वे उन्हें
युद्धक्षेत्र में पराजित
करना नहीं चाहते थे। बल्कि
उनका हृदयपरिवर्तन करना चाहते
थे। उनका विद्रोह निशस्त्र
विद्रोह था। वे विश्वास करते
थे कि अहिंसा की शक्ति संसार
भर की सभी प्रबलतम हिंसात्मक
शक्तियों के गठजोड़ का मुकाबला
कर सकती है। उनका विश्वास था
कि अहिंसात्मक तरीके में पराजय
नहीं, वह
बिना मारे या चोट पहुँचाए
'करने
या मरने' का
तरीका है। उनके कान करोड़ों
रूपोपवासियों की मूक पुकार
सुनने में अभ्यस्त थे। वे अपने
अहिंसात्मक तरीके से विश्व
में शांति स्थापित करने के
इच्छुक थे।
25. स्कूल
में हुए अनुभवों के आधार पर
मित्र के नाम ओमप्रकाश का
पत्र 4
स्थानः
.................,
तारीखः
….............।
प्रिय रामकुमार,
तुम
कैसे हो? तुम्हारी
पढ़ाई कैसी चल रही है?
मैं यहाँ ठीक हूँ।
मैं
इस पत्र के द्वारा अपने स्कूल
के बुरे अनुभव के बारे में
जानकारी देना चाहता हूँ। मेरे
स्कूल में जो हेडमास्टर है,
श्री कालिराम,
उन्होंने मुझसे
बहुत बुरा व्यवहार किया।
उन्होंने मुझे जाति के नाम
से पुकार रहे थे और खानदानी
काम बताके झाड़ू लगाने के काम
पर लगा दिया। मुझे स्कूल के
कमरे, बरामदे
और मैदान साफ़ करने पड़े। पहले
दिन शाम तक, दूसरे
दिन भी वैसे ही। तीसरे दिन
मैंने सोचा कि आज कक्षा में
पढ़ने देंगे। लेकिन तीसरे
दिन भी उसी काम करना पड़ा। अंत
में पिताजी ने मुझे झाड़ू
लगाते देख लिया। वे मेरे पास
आए, हेडमास्टर
से बहस करके मुझे घर ले आए।
राम, मैं
अपनी पढ़ाई के बारे में बहुत
चिंतित हूँ।
तुम्हारे
माँ-बाप
को मेरा प्रणाम। छोटे भाई को
प्यार।
तुम्हारा
मित्र,
(हस्ताक्षर),
ओमप्रकाश
वाल्मीकि।
सेवा में
के.
रामकुमार,
…..................
…...................।
Prepared
by: Ravi. M.