-->
आत्मकथांश
से जीवनी का अंश
आत्मकथांशः
मैं
राजन,
एक
ग्रामीण किसान हूँ। मेरा जन्म
केरल
राज्य
के कण्णूर ज़िले में कैतप्रम
नामक गाँव में हुआ। मेरे
माँ-बाप
श्रीधर और गोमती हैं। मेरी
पत्नी का नाम विजया है।
राजेश
और राघव मेरे बेटे हैं। मैंने
दसवीं तक की पढ़ाई
की
थी। गाँव में मेरी पाँच एकड़
ज़मीन है। उसमें मैं काजू,
रबड़,
काली
मिर्च,
कसावा,
धान
आदि की खेती करता हूँ।
खेती
में मेरी पत्नी और बेटे भी मेरी
सहायता करते हैं।
आर्थिक कठिनाई
होते समय मैं बैंकों से कर्ज
लेता हूँ।
जीवनी
में परिवर्तितः
श्री
राजन एक ग्रामीण किसान है।
उनका जन्म केरल
राज्य
के कण्णूर ज़िले में कैतप्रम
नामक गाँव में हुआ। श्रीधर
और
गोमती उनके माँ-बाप
हैं। उनकी पत्नी का नाम विजया
है।
राजेश और राघव उनके बेटे हैं।
उन्होंने दसवीं तक की
पढ़ाई
की थी। गाँव में उनकी पाँच
एकड़ ज़मीन है। उसमें वे
काजू,
रबड़,
काली
मिर्च,
कसावा,
धान
आदि की खेती
करते
हैं। उनके बेटे और पत्नी भी
खेती में उनकी सहायता
करते
हैं। आर्थिक कठिनाई होने पर
वे बैंकों से कर्ज लेते हैं।
अच्छा है।
ReplyDeleteतो भी,
जीवनी में एक शीर्षक नहीं है। माँ-बाप(?)प्रयोग हिंदी belt में स्वीकार्यता कम है।
will copy paste to hindisopan
रसाख जी, मैंने सिर्फ आत्मकथा से जीवनी में बदलने की प्रक्रिया पर मात्र बल दिया था। 'माँ-बाप' के बदले में 'माता-पिता' को लेने के लिए बता रहे हैं क्या? यह एक प्रयास है। और भी कुछ उदाहरण निकलें तो अच्छा होगा। रवि.
ReplyDeleteok
Deleteरवी जी,
ReplyDeleteआपका प्रयास बिलकुल सराहनीय है। भाषा सरल एवं छात्रों के स्तानुकूल है। निम्न लिखित वाक्यों को ऐसे लिखें तो अच्छा लगेगा।
मैंने दसवीं तक की पढ़ाई की।
उसमें काजू, रबड़, काली मिर्च, कसावा, धान आदि की खेती करता हूँ।
खेती में पत्नी और बेटे मेरी सहायता करते हैं।
मनोज जी, आपके निर्देश बिलकुल स्वीकार्य हैं। मेरी आशा है कि लोग आपके सुझाव से ही यह स्वीकार करें। मैं ऐसे ही छोड़ देता हूँ। लोगों को आपके निर्देश पढ़ने का अवसर मिले। रवि.
Deleteऱवीजी.......
ReplyDeleteफ्रयास बिलकुल अच्छा हैं।
"www.devadharhindivedhi.blogspot.com" में
कृपया देखिए ।
जयदीप जी, मैं ज़रूर देखूँगा। आपके कमन्ट के लिए धन्यवाद। रवि.
Delete