2nd
Term Exam 2012-13 IX Hin (CodeA)
प्रश्नपत्र
पर कुछ विचार
1. प्रश्न
1 के उत्तर में
छात्र प्रेमचंद का उपन्यास
'गोदान' लिखें
तो बहुत
अच्छा
है। लेकिन बहुमत का उत्तर
'पाँव तले दबी
गर्दन' होने की
संभावना
है। उसमें छात्रों का दोष नहीं
है क्योंकि 'गोदान'
पाठ नहीं,
'पाँव
तले दबी गर्दन' उपन्यास
भी नहीं। 'पाँव
तले दबी गर्दन' 'गोदान'
उपन्यास
का आरंभिक अंश मात्र है।
2. प्रश्न
3 के उत्तर में
होरीराम को 'खुशामदी
करनेवाला' कहना
समीचीन
नहीं।
होरीराम सबकी खुशामदी नहीं
करता। अपनी विवशता के
कारण
वह मालिक (ज़मींदार)
की खुशामदी करता
है। क्योंकि नहीं
तो
कुड़की या बेदखली होने की
संभावना है। चैन से रह भी नहीं
पाएगा।
3. प्रश्न
7 के उत्तर लिखने
के लिए कोष्ठक में जो विकल्प
दिए हैं थोड़ा
भ्रमोत्पादक
हैं। तीनों एक समान सकारात्मक
(positive) हैं। मेरा
विचार
है-
वे हमारे अन्नदाता
हैं- बेहतर उत्तर
मान सकते हैं।
4. प्रश्न
11 के उत्तर में
विभिन्न व्याकरणिक बातें आती
हैं। वर्तनी, सही
शब्द
विन्यास,
ने का प्रयोग और लग
का प्रयोग। यह प्रश्न छात्रों
को कठिन
लगने
की संभावना है।
5. प्रश्न
12 की सूचना असुंदर
और भ्रमोत्पादक है। प्रश्न
में 'रहता' का
रेखांकन
'रहता है' के
लिए होना चाहिए था। इस प्रकार
के प्रश्नों के
उत्तर
निश्चित हैं। इसलिए प्रश्नकर्ताओं
का अत्यधिक सावधानी बरतना
आवश्यक
है।
6. प्रश्न
20: इस प्रकार के
प्रश्नों के उत्तर के रूप में
छात्र संकेत पट लिखने
की
संभावना अधिक है। इस प्रश्न
से 3 अंकों का
पोस्टर बनाने में छात्र
कठिनाई
महसूस करेंगे।
7. प्रश्न
22 के उत्तर के रूप
में डायरी में एक संदेह होता
है कि 'क्या यह
पहले
दिन का अनुभव है'? क्योंकि
पाठ ऐसा शुरू होता है- 'एक
रोज़
हेडमास्टर
कलीराम ने अपने कमरे में बुलाकर
पूछा'- लेकिन पाठ
में
दूसरा
दिन, तीसरा दिन
आदि बताने से संदेह पैदा होता
भी है। डायरी के
संकेतों
में 'साथियों
द्वारा मज़ाक उठाया जाना'
होना अच्छा होता
था।
तैयारी:
Ravi, chiragknr1.blogspot.com
sab sahi hai
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