കണ്ണൂര്
ജില്ലാ പഞ്ചായത്ത്
മുകുളം
ഹിന്ദി പരീക്ഷ (2012-13)
യുടെ
മോഡല്
ഉത്തര പേപ്പര്
1.
तालिका
की पूर्ति 2
-
पाठ
|
प्रोक्ति
|
रचयिता
|
मनुष्यता
|
कविता
|
मैथिलीशरण
गुप्त
|
भारतीय
संस्कृति में गुरु-शिष्य
संबंध
|
लेख
|
आनंद
शंकर माधवन
|
नदी
और साबुन
|
कविता
|
ज्ञानेन्द्रपति
|
आदमी
का बच्चा
|
कहानी
|
यशपाल
|
2.
घटनाओं
को क्रमबद्ध करके लिखना- 2
गौरा
ने बछड़े को जन्म दिया।
लेखिका
के घर में 'दूधो
नहाओ'
का
आशीर्वाद फलित
होने
लगा।
गौरा
उत्तरोत्तर दुर्बल और शिथिल
रहने लगी।
सुई
की बात ज्ञात होते ही ग्वाला
अंतर्धान हो गया।
3.
अंग्रेज़ी
शब्दों के स्थान पर समानार्थी
हिंदी शब्द - 3
रंजित
को आरक्षण मिला। पुराना
टिकट रद्दीकरण के लिए
दिया
था। उसने शयनयान डिब्बे
में आराम से यात्र की।
4.
गजाधर
बाबू की पत्नी की चरित्रगत
विशेषताएँ- 2
5.
चिकित्सा
के क्षेत्र में अनैतिकता का
प्रभाव कभी नहीं होना चाहिए।
नियमों
से मात्र काम नहीं चलेगा।
प्रत्येक व्यक्ति के मन में
धार्मिकता
का
बोध उठना चाहिए। इसके लिए
आवश्यक प्रचार कार्य सरकार
की
ओर
से होना चाहिए। 2
6.
जब
शिक्षा भी उद्योग बन जाता है,
पैसे
कमाने का ज़रिया बन
जाता
है तब अनैतिकता का प्रभाव बढ़
जाता है। ऐसे परिवर्तन गुरु-
शिष्य
संबंधों में भी नकारात्मक
परिवर्तन लाए हैं। शिक्षा के
क्षेत्र में
निजी
क्षेत्र को अधिक स्थान नहीं
होना चाहिए। 2
7.
बाज़ार
से चीज़ें खरीदते समय हमें
सावधानी से करना चाहिए।
क्योंकि
इस क्षेत्र में विभिन्न प्रकार
के शोषण हैं। उदाहरण के लिए
माप-तौल
में कमी,
कम
गुणवत्तावाले सामान,
छूट
के नाम से
ठगी
आदि। इसलिए ग्राहकों को बाज़ार
में सतर्क रहना चाहिए। 2
8.
गजाधर
बाबू अपने परिवारवालों के
दुर्व्यवहार से दुखी होकर कल
चीनी
मिल में नौकरी करने जा रहा है।
उनकी डायरी- 4
स्थान:...............
तारीख:..............
हे
भगवान!
नौकरी
से रिटायर होकर घर आते समय
क्या-
क्या
विचार थे। पत्नी और बच्चों
के साथ शेष जिंदगी खुशी से
बिताने
का सपना देख रहा था। लेकिन...
ये
लोग ऐसे क्यों हुए?
मुझे
अपने घर में पराया जैसा अनुभव
हुआ है। मेरी चारपाई के
लिए
भी घर में स्थान नहीं था। सब
आलसी हुए हैं। कोई भी
मेहनत
करने के लिए तैयार नहीं।
अनावश्यक खर्च कितना बढ़
गया
है। यह असहनीय है। मैं कल से...
घर
से दूर...
चीनी
मिल में
नौकरी
के लिए जा रहा हूँ। क्या करूँ?
और
कोई चारा नहीं मेरे
पास।
सेवक गणेशी से मिला प्यार भी
यहाँ बीबी-बच्चों
से नहीं मिलता!
9.
बाबूलाल
तेली की बंबई में चिकित्सा
का आज अंतिम दिन है।
मित्र
के नाम बाबूलाल तेली का पत्र- 4
कमरा
नं.
110, ….......अस्पताल,
बंबई-56.
तारीख:...............
प्रिय
गोवर्धन,
कैसे
हो?
व्यापार
कैसा चल रहा है?
मैं
यहाँ ठीक हूँ।
यहाँ
मेरी चिकित्सा का करीब एक
महीना हो रही है। चिकित्सा
खतम
हुई है। कल मैं वापस जा रहा
हूँ। मैंने कभी नहीं सोचा था
कि
सड़क पर उस बलिष्ठ व्यक्ति
से मिले घूँसे से इतनी बड़ी
मुसीबत
होगी। वहाँ उस शानदार अस्पताल
की इलाज,
फिर
लालूराम
तेली का अस्पताल और केस बिगड़कर
यहाँ तक
पहुँचा।
क्या करूँ?
मेरी
नाक काट दी गई है। घर से दूर
इस
अस्पताल
में मुझे बड़ी मानसिक पीड़ा
भी हो रही थी। जो भी हो,
कल
मैं अपने घर वापस जा रहा हूँ।
तुम्हारे
माँ-बाप
को मेरा प्रणाम कहना। छोटों
को प्यार।
तुम्हारा
मित्र,
बाबूलाल
तेली।
सेवा
में
श्री.
गोवर्धन.
के.,
…......................,
…......................।
10.
पर्यावरण
को प्रदूषण से बचाने के उपाय
– लेख 4
पर्यावरण
हमारा रक्षा कवच है। लेकिन
वही पर्यावरण आज
प्रदूषित
होता जा रहा है। इससे हमारी
धरती बहुत प्रभावित हो
रही
है।
पर्यावरण
को हम प्रदूषण से कैसे बचाएँ?
इसकी
रक्षा के लिए
कुछ
नियम हैं। लेकिन उन नियमों
का पालन
सख्ती से नहीं हो
रहा है। उन
नियमों की सहायता से प्रदूषणपर
नियंत्रण लाना चाहिए।
पर्यावरण
की रक्षा के लिए जंगलों की सुरक्षा
अनिवार्य है। आम जनता
को जागृत
करने के लिए कई उद्बोधन
कक्षाएँ चलानी चाहिए। कीटनाशी
दवाइयों और रासायनिक उर्वरकों
के उपयोग पर नियंत्रण लाना
चाहिए।
जैविक खेती करनेवालों को
सहायता और प्रोत्साहन देने
चाहिए।
युवाओं को खेती में
रुचि बढ़ाने
के लिए आवश्यक प्रशिक्षण देना
चाहिए।
लोगों
को यह जानकारी देनी है कि
पर्यावरण नहीं है तो हम
भी
नहीं। इसलिए हमारे भविष्य के
लिए और आगामी पीढ़ियों के
लिए
हमें पर्यावरण की रक्षा करनी
चाहिए।
11.
सकुबाई
एकपात्र नाटक का मंचीकरण –
पोस्टर 3
सरकारी
हायर सेकंडरी स्कूल,
…...................
निराला
हिंदी मंच
सकुबाई
एकपात्र नाटक का मंचीकरण
2
जनवरी
2013,
बुधवार
प्रात:
10 बजे
स्कूल
ऑडिटोरियम में
सबका
स्वागत है।
12.
सत्पुरुषों
के जीवन से हमें निज चरित्र
गढ़ना सीखना चाहिए।1
13.
यहाँ
'ऊँचे
ही पर चढ़ना'
का
मतलब है कि जिंदगी में आगे
बढ़ना
या
उन्नति प्राप्त करना। 1
14.
उचित
शीर्षक:
'सीखो'। 1
15.
कवितांश
का आशय 3
इस
छोटे कवितांश के द्वारा कवि
बच्चों को याद दिलाते हैं कि
हमें
अपने चारों ओर की प्रकृति और
अन्य लोगों से बहुत-सी
बातें
सीखनी चाहिए।
जलधारा
याने जलप्रवाहों से सीखना
चाहिए कि हमें सदा जीवन
पथ
पर आगे बढ़ना चाहिए। छोटी-छोटी
बाधाएँ होने पर भी हमें
उन्हें
हटाते हुए आगे बढ़ते रहना
चाहिए। हमें धुएँ से सदा ऊँचे
ही
पर
चढ़ना सीखना चाहिए। सत्पुरुषों
के जीवन से हम अपने निज
जीवन
गढ़ सकते हैं। उसी प्रकार अपने
गुरु से सदा उत्तम विद्या
सीखनी
भी चाहिए।
हमारे
चारों ओर के वातावरण में जो
अच्छी बातें सीखने के
लिए
हैं सब सीखनी चाहिए। हमें बुरी
बातों को छोड़ देना चाहिए।
ऐसा
करने पर हम सदा आगे बढ़ते ही
रहेंगे और विजयी बन जाएँगे।
अच्छी
बातें सीखने का उपदेश देनेवाली
यह कविता अच्छी और
प्रासंगिक
है।
16.
योजक
का प्रयोग करके वाक्यों को
मिलाना- 1
भास्कर
तेज़ चलता है क्योंकि उसे
जल्दी स्कूल पहुँचना है।
17.
सैकड़ों
बच्चे हमारे स्कूल में पढ़ते
हैं। उनमें कई लड़कियाँ
भी हैं।
हमारे
अध्यापक हमको नए पाठ पढ़ाते
हैं। 2
18.
वाक्यों
को मिलाकर एक वाक्य बनाना- 2
मेरी
काली गाय मीठा दूध देती है।
19.
गद्यांश
से दो विशेषण शब्द चुनकर
लिखें- 1
विशेषण:
वैज्ञानिक,
नए-नए,
बहुत-से,
अच्छा
।
20.
सर्वनाम
और प्रत्यय अलग करके लिखें- 1
हमारा
=
हम
+
का
21.
सरकारी
बैंक मोटर,
बीज
आदि खरीदने के लिए कर्ज देकर
किसानों
की सहायता करती है। 1
22.
खेती
के क्षेत्र में किसानों की
रुचि कम होती जा रही है। इसलिए
उनको
बीज,
खाद
आदि रियायती दर में देकर खेती
में प्रोत्साहन
दे
सकते हैं। खेती के क्षेत्र
में काम करने के लिए लोगों को
निशुल्क
प्रशिक्षण
देना चाहिए। खेती में रुचि
बढ़ाने के लिए नई पीढ़ी के
लोगों
को उद्बोधन कक्षाएँ चलाकर
खेती करने की प्रेरणा देनी
चाहिए।
तैयारी:
Ravi.M.,
http://chiragknr1.blogspot.com