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1. तालिका
की पूर्ति 2
पाठ
|
प्रोक्ति
|
रचयिता
|
….......
|
रेखाचित्र | महादेवी वर्मा |
मनुष्यता |
…...........
|
मैथिलीशरण गुप्त |
….........
|
कहानी | यशपाल |
सकुबाई | एकपात्र नाटक |
…...........
|
उत्तर:
पाठ
|
प्रोक्ति
|
रचयिता
|
गौरा
|
रेखाचित्र
|
महादेवी
वर्मा
|
मनुष्यता
|
कविता
|
मैथिलीशरण
गुप्त
|
आदमी का
बच्चा
|
कहानी
|
यशपाल
|
सकुबाई
|
एकपात्र
नाटक
|
नादिरा
ज़हीर बब्बर
|
2. घटनाओं
को क्रमबद्ध करके लिखना 2
- ट्यूटर ने छात्रों को भीतर बैठने का निर्देश दिया।
- छात्र अनाटमी हॉल के सामने आकर खड़े हो गए।
- वे भीतर जाकर बैठ गए।
- चपरासी ने कमरा खोला।
उत्तर:
- छात्र अनाटमी हॉल के सामने आकर खड़े हो गए।
- चपरासी ने कमरा खोला।
- ट्यूटर ने छात्रों को भीतर बैठने का निर्देश दिया।
- वे भीतर जाकर बैठ गए।
3. अंग्रेज़ी
शब्दों के स्थान पर उनका
समानार्थी हिंदी शब्द रखकर
पुनर्लेखन 3
प्रशिक्षण
में भाग लेने के लिए Manager
के साथ एक Clerk
को भी
भेज देना है। उनके लिए टिकटों
का Reservation
पहले
ही किया गया।
उत्तर:
प्रशिक्षण में
भाग लेने के लिए प्रबंधक
के साथ एक लिपिक को
भी
भेज देना है। उनके लिए टिकटों
का आरक्षण पहले ही किया
गया।
4. प्रो.
डी.
कुमार की विशेषताएँ:
- विश्व को ही अपना परिवार माननेवाला
- मूर्तिपूजा में विश्वास न रखनेवाला
- अपना दायित्व पूर्ण रूप से निभानेवाला 2
उत्तर:
- विश्व को ही अपना परिवार माननेवाला
- अपना दायित्व पूर्ण रूप से निभानेवाला
5. ज़रा-सी
बीमारी के लिए बड़ी-से-बड़ी
टेस्ट करवाई जाती हैं।
क्या
आप इससे सहमत हैं?
क्यों? 2
उत्तर:
जब चिकित्सा भी
व्यापार बन जाता है तब पैसे
की लालच में
लोग
कुछ भी करने के लिए तैयार होते
हैं। ऐसा होने पर अनेकों
लोगों
की जिंदगी बरबाद हो जाती है।
मैं इससे सहमत नहीं हूँ।
ऐसा
कभी भी नहीं होना चाहिए।
6. 'भारतीयों
को अपनी खूबसूरती नज़र नहीं
आती। मगर पराए के
सौंदर्य
को देखकर मोहित हो जाते हैं।'
इसपर अपने
विचार लिखें। 2
उत्तर:
हम भारतीय अपना
देश, कलाएँ,
संगीत,
संस्कृति आदि का
महत्व
सही
ढंग से नहीं समझते। लेकिन औरों
की बातों को हम बड़ी
मान्यता
देते हैं। ऐसा कभी भी नहीं
होना चाहिए। हमें अपना देश
कलाएँ,
संगीत,
संस्कृति आदि के
प्रति बड़ी ममता होनी चाहिए।
7. 'वह
तो अच्छा हुआ कि इसी बीच बच्चे
की माँ
बीड़ी
बनाते-बनाते
कचरा फेंगने बाहर आई।'-
अगर
माँ बाहर न आती तो क्या होता? 2
उत्तर:
यदि बच्चे की माँ
कचरा फेंकने के लिए बाहर नहीं
आती तो बच्चा
बुरी
हालत में पड़ जाता। क्योंकि
वहाँ से गुज़रे लोगों ने बच्चे
को
बंद
आँखों से देखा था। कोई भी
व्यक्ति उस बच्चे को उठाकर
गोद में
बिठाने
या रोना बंद कराने का प्रयास
नहीं कर रहा था।
8. एक
दिन ब्रह्ममुहूर्त में गौरा
की मृत्यु हुईष इस संबंध में
महादेवी वर्मा ने
अपनी
डायरी में क्या-क्या
लिखा होगा?
कल्पना करके
लिखें। 4
उत्तर:
स्थान:
…............
तारीख:
…...........
आज
मेरी गौरा की मृत्यु हुई। गौरा
हमारे लिए सिर्फ एक गाय नहीं
थी। वह
हमारे परिवार की सच्ची सदस्या
थी। उसकी मृत्यु बड़ी दुखदायक
है।
लेकिन उसका अंत हुआ था मेरे
सामने ही, वह
भी ब्रह्ममुहूर्त में। मैं
उसका
पार्थिव अवशेष गंगा मैया को
समर्पित करूँगी। हे भगवान!
एक मानव
एक मासूम
पशु से ऐसा निर्मम व्यवहार
कर सकता है? वह
सोचते ही मेरा
मन अशांत
हो जाता है। मैं यह कैसे भूल
पाऊँ?
9. सकुबाई
और मेम साब के बीच टेलिफोन पर
हुए वार्तालाप कल्पना
करके
लिखें। 4
उत्तर:
पूजा
कपूर: हैलो...
हैलो सकुबाई,
मैं पूज बोल रही
हूँ।
सकुबाई:
हाँ मेम साब।
नमस्ते। बताइए क्या बात है?
पूजा:
आज देर से आई हो
क्या?
सकु:
हाँ मेम साब।
थोड़ी-सी
देरी हुई थी।
पूजा:
क्या हुआ?
सकु:
कल पानी बरसकर
घर के अंदर भी पानी भर गया था,
मेम साब।
पूजा:
अच्छा। सारा काम
हो गया?
सकु:
नहीं मेम साब।
कर रही हूँ।
पूजा:
सुनो कुर्सी के
पास एक थैला पड़ा है न?
उसमें जो पड़ा
है ब्लूवाला...
वह
जगदीश के यहाँ फॉल लगाने का
है। ठीक है।
सकु:
ठीक है मेम साब।
क्या रात का खाना बनाऊँ?
पूजा:
नहीं सकुबाई। आज
रात का खाना नहीं बनाना।
सकु:
तो क्या मैं आज
जल्दी घर जाऊँ मेम साब?
घर में पानी भर
गया
है
न? कुछ
सफाई करनी है।
पूजा:
नहीं,
जल्दी जाने से
काम नहीं चलेगा। बहुत-से
काम पड़े हैं न?
सकु:
ठीक है मेम साब।
10. नदी-नाले
प्रकृति के वरदान हैं। इनकी
हालत आजकल बहुत बिगड़
गई
है। नदियों की इस हालत पर लघु
खंड लिखें। 4
नदी-नाले
प्रकृति के वरदान हैं। नदी-नालों
का नाश संस्कृति
का नाश
होता है।
नदी
नालों में सदा स्वच्छ पानी
बहता रहता था। लेकिन इसके
महत्व
को न जानकर या अनदेखा कर बहुत
से लोग इनके नाश के लिए
कारण
बनते हैं। मानव की सुख-सुविधाएँ
बढ़ाने के लिए विभिन्न प्रकार
के
सामान
बनाए जाते हैं। इनके उत्पादन
के समय कारखानों से विषैला
जल
और अन्य
विषैले कचड़े नदी-नालों
में छोड़ दिए जाते हैं। रासायनिक
खाद और
कीटनाशी दवाइयों के उपयोग से
सभी जल-स्रोत
प्रदूषित
हो गए
हैं। मानव की ओर से जो अनियंत्रित
दोहन होता है वह भी नदियों
की हालत
बिगड़ जाने का कारण बनता है।
मकान बनाने के लिए नदियों से
अनियंत्रित
रूप से रेत निकाला जाता है।
मनुष्य अपने दैनिक जीवन में
प्लास्टिक
जैसी विषैली वस्तुएँ भी
नदी-नालों
में डाल देते हैं। इस प्रकार
नदी-नालों
की हालत बहुत बिगड़ गई है।
हमारे
भविष्य के लिए और आगामी पीढ़ियों
के लिए हमें नदियों
की रक्षा
करना अत्यंत आवश्यक है।
सूचना:
निम्नलिखित
कवितांश पढ़कर उसके नीचे दिए
प्रश्नों के
उत्तर
लिखें।
रवि
जग में शोभा सरसाता,
सोम सुधा बरसाता-
सब
हैं लगे कर्म में,कोई
निष्क्रिय दृष्टि न आया
है
उद्देश्य नितांत,
तुच्छ तृण के भी
लघु जीवन का
इसी
पूर्ति में वह करता है अंत
कर्ममय तन का।
तुम
मनुष्य हो अमित बुद्धि-बल,
विलसित जन्म
तुम्हारा
क्या
उद्देश्य रहित हो जग में तुम
ने कभी विचारा?
बुरा
न मानो एक साथ सोचो तुम अपने
मन में
क्या
कर्तव्य समाप्त कर लिया तुम
ने निज जीवन में।
11. जग
में सुधा बरसानेवाला कौन है?
(सूर्य,
चंद्र,
हवा,
मनुष्य) 1
उत्तर:
जग में सुधा
बरसानेवाला सोम या चंद्र
है।
12. कवितांश
के लिए उचित शीर्षक लिखें। 1
शीर्षक:
कर्तव्य
13. कवितांश
का आशय लिखें। 3
यह
छोटा कवितांश जीवन में सदा
कर्मठ और क्रियाशील रहने का
उपदेश
देनेवाला है।
जग
में सूरज सदा शोभा सरसाता है
और चंद्र सुधा बरसाता है।
इस जगत
में सब अपने-अपने
कर्म में सक्रिय हैं,
कोई भी निष्क्रिय
नहीं हैं।
छोटा-सा
तृण भी अपना कुछ-न-कुछ
धर्म निभाता रहता है। वैसे
ही
उसका
अंत भी होता है। हे मनुष्य!
तुम अत्यधिक
बुद्धिबलवाला हो,
तुम्हारा
सुखमय जीवन हो। क्या तुम्हारे
जीवन का कोई उद्देश्य है?
क्या
उसपर तुमने कभी विचार किया
है? तुम
मिलकर सोचो कि अपनी
इस जिंदगी
में तुमने क्या कर्तव्य निभाया
है? क्या
अपना यह अमूल्य
जीवन
ऐसे ही बिताना ठीक है ?
हमें इस जीवन में
समाज के लिए
और अपने
वंश के लिए कुछ अच्छे कार्य
करने हैं। तभी हम मनुष्य बताने
योग्य
बन जाएँगे।
आज
के ज़माने में लोगों का मन
अधिक से अधिक
संकुचित
बनता जा रहा है। इसी ओर लोगों
का ध्यान आकर्षित
करनेवाला
यह कवितांश बिलकुल अच्छा और
प्रासंगिक है।
14. मान
लें, अगले
हफ़्ते आपके स्कूल में खेल-कूद
प्रतियोगिता
चलनेवाली
है। इसकी सूचना देते हुए एक
पोस्टर तैयार करें। 3
सरकारी
हायर सेकंटरी स्कूल,
कडन्नप्पल्लि
कण्णूर,
670501.
स्कूल
खेल दिवस 2012-13
15
अक्तूबर2012
शुक्रवार
प्रात:
9 बजे से सायं
5 बजे
तक
विभिन्न
प्रतियोगिताएँ
सबका
स्वागत है।
15. रेखांकित
अंश का संशोधन करके
लिखें। 2
हमारा स्कूल
में स्वतंत्रता दिवस मनाई
गई। कई लोग इस कार्यक्रम
में भाग
लिया। स्वतंत्रता की महत्ता
के बारे में प्रधानाध्यापक
की भाषण
रोचक
था।
उत्तर:
हमारे स्कूल
में स्वतंत्रता दिवस मनाया
गया। कई लोगों ने इस
कार्यक्रम
में भाग लिया। स्वतंत्रता की
महत्ता के बारे में प्रधानाध्यापक
का
भाषण रोचक था।
16. कोष्ठक
से उचित योजक चुनकर
वाक्यों को मिलाकर लिखें। 2
गाँधीजी
ने बालक से कहा। मेरे तो तीस
करोड़ भाई-बहन
हैं। एक कुर्ते से
काम नहीं
चलेगा। (इसलिए,
जब-तब,
कि)
उत्तर:
गाँधीजी ने बालक
से कहा कि मेरे तो तीस करोड़
भाई-बहन
हैं,
इसलिए
एक कुर्ते से काम नहीं चलेगा।
17. उचित
विशेषण शब्द से पूर्ति करके
लिखें।
(स्वस्थ,
पौष्टिक,
तेज़,
शुद्ध)
2
….....
पानी,
…....... भोजन
ये दोनों मानव के लिए बहुत
लाभदायक
हैं। …..... व्यक्ति
ही प्रत्येक देश का धन है।
क्योंकि उसमें
….....
बुद्धि निहित
है।
उत्तर:
शुद्ध पानी,
पौष्टिक भोजन
ये दोनों मानव के लिए बहुत
लाभदायक
हैं।
स्वस्थ व्यक्ति ही प्रत्येक
देश का धन है। क्योंकि उसमें
तेज़ बुद्धि
निहित
है।
सूचना:
निम्नलिखित
शंड पढ़कर उसके नीचे दिए
प्रश्नों के उत्तर
लिखें।
विद्यार्थी
के लिए सब से आवश्यक गुण हैं
जिज्ञासा और परिश्रम।
जब
जिज्ञासा और परिश्रम साथ-साथ
चलते हैं तो विद्यार्थी तेज़ी
से ज्ञान
अर्जित
करता है। विद्यार्थी को ऐसे
मित्रों के साथ संगत करनी
चाहिए जो
उसी के
समान शिक्षा का उचित लक्ष्य
लेकर चलता हो। श्रद्धावान और
विनयी
को ही ज्ञान की प्राप्ति होती
है। जिस छात्र के मन में ज्ञानी
होने का
घमंड
भरा रहता है, वह
कभी गुरुओं की बात नहीं मानता।
उसकी यह
आदत सब
से बड़ी बाधा है। छात्र के लिए
अनुशासन-प्रिय
होना आवश्यक
है।
अनुशासन के बल पर ही छात्र
अपने व्यस्त समाज का सदुपयोग
कर
सकता
है।
18. 'ज्ञान
अर्जित करता है'
में ज्ञान 1
(संज्ञा
है, विशेषण
है, क्रिया
है, सर्वनाम
है)
उत्तर:
ज्ञान शब्द संज्ञा
है।
19. 'उसकी'
में सर्वनाम
है (उस,
की,
वह,
ये) 1
उत्तर:
उसकी में सर्वनाम
वह है।
20. विद्यार्थी
के लिए आवश्यक गुण क्या-क्या
हैं? 1
उत्तर:
जिज्ञासा और
परिश्रम विद्यार्थी के लिए
सब से आवश्यक
गुण
हैं।
21.
अनुशासन-प्रिय
होने से विद्यार्थी को क्या
लाभ मिलता है?
2
उत्तर:
छात्र को अनुशासन-प्रिय
होना आवश्यक है। क्योंकि
अनुशासन के
बल
पर ही छात्र अपने व्यस्त समाज
का सदुपयोग कर सकता है।
अनुशासन
छात्रों को एक व्यवस्थित जीवन
प्रदान करता है।
तैयारी:
Ravi, Chiragknr1.blogspot.com
രവി മാഷിനും വേണുഗോപാല് മാഷിനും ഹൃദയം നിറഞ്ഞ അഭിനന്ദനങ്ങള്
ReplyDeleteThis comment has been removed by the author.
ReplyDeletegood job.Thank you.
ReplyDeleteഅധ്വാനത്തിനുള്ള ഭംഗിയുണ്ട്
ReplyDeletethis is a gud work sir
ReplyDeletethis is a gud work sir
ReplyDeletethank you sir.
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