SSLC
Model Exam. Feb 2015
Hin
Model Answer Paper
1.
तालिका
की पूर्ति 2
-
पाठप्रोक्तिरचयितागौरारेखाचित्रमहादेवी वर्मामनुष्यताकवितामैथिलीशरण गुप्तआदमी का बच्चाकहानीयशपालवापसीकहानीउषा प्रियंवदा
2.
अंग्रेज़ी
शब्दों के स्थान पर उनका
समानार्थी हिंदी शब्द- 3
मैंने
अंतर्जाल (Internet)
द्वारा
स्वास्थ्य बीमा (Health
Insurance) की
पूछताछ
(Enquiry)
की।
3.
कोष्ठक
से घटनाएँ चुनकर क्रमबद्ध
रूप से रिक्त स्थान की पूर्ति। 2
- लोगों ने जंगल काटा।
- हाथी बेघर हो गए।
- वे समीप के गाँव गए।
- खेत और घर बरबाद कर डाले।
4.
प्रो.
डी.
कुमार
की चरित्रगत विशेषताएं चुनकर
लिखें। 2
- ईश्वर पर विश्वास करनेवाले।
छात्रों से घृणा करनेवाले।- दुनिया को अपना परिवार माननेवाले।
(5-7)
किन्हीं
दो के उत्तर लिखें- (2x2=4)
5.
बग्गा
साहब का वेतन तेरह सौ रुपए
हैं। उसमें से ढाई सौ रुपए
उनकी डैनी नामक कुतिया की शौक
के लिए खर्च किए जाते हैं।
हमारे देश में करोड़ों बच्चे
गरीबी से मरते समय अमीर लोगों
के घरों में पालतू कुत्तों
के लिए भी बड़ी रकम खर्च की
जाती है। यह हमारे देश के
सामाजिक असंतुलन का परिणाम
है। (शौक:
ഹോബി,
सामाजिक
असंतुलन:
സാമൂഹ്യ
അസന്തുലിതാവസ്ഥ) 2
6.
भारतीय
गुरु-शिष्य
संबंध का अच्छा नमूना संगीत,
नृत्य,
कुश्ती
आदि क्षेत्रों में दिखाई पड़ता
है। पहलवान गामा के लिए शिष्य
अपने पुत्र से भी प्यारा है,
अपना खूना
है और पसीने की कमाई है। इसलिए
वे यही चाहते हैं कि ख्याति
और प्रभाव में वे अपने शिष्य
के कम प्रमुख रहे। 2
7.
मानव एक
सामाजिक प्राणि है। समाज से
अलग होकर जीना उसे बहुत कठिन
है। अत:
समाज के
प्रति उसका बड़ा उत्तरदायित्व
भी है। एक सामाजिक प्राणी होने
के नाते मानव को अपने,
अपने
बच्चों के और परिवार के बारे
में मात्र सोचना ठीक नहीं है।
उसे अपनी ज़िंदगी में सामाजिक
भलाई के लिए कुछ करके ही मरना
चाहिए ताकि मृत्यु के बाद भी
समाज उसकी याद करे।
(8-11)
किन्हीं
तीन प्रश्नों के उत्तर
लिखें (3X4=8)
8.
गौरा
की मृत्यु:
महादेवी
की डायरी 4
तारीख:
…..............
स्थान:..................
आज
भी मैं रोज़ की तरह गौरा के
पास बार-बार
जाती रही। ब्रह्म मुहूर्त
में चार बजे गौरा की मृत्यु
हुई। उसके पास पहुँचते ही उसने
अपना मुख सदा के समान मेरे
कंधों पर रखा,
और
वह एकदम पत्थर जैसा भारी होकर
मेरी बाँह पर से सरककर धरती
पर आ गिरा। उसकी मृत्यु भी
मेरी आँखों के सामने हुई।
मैंने कितने पशु-पक्षियों
को पाला है। लेकिन सबसे बड़ी
यही थी। वह भी मनुष्य के निर्मम
व्यवहार की शिकार बनकर!
हे
भगवान!
यह
व्यथा मेरे मन से कैसे दूर हो
जाएगी। लालमणि के बारे में
सोचते समय दुख बढ़ता है। मैंने
गौरा के पार्थिव अवशेष को भी
गंगा माँ को समर्पित किया।
आज का दिन शोकमय रहा।
(शिकार:
ഇര,
victim)
9.
सकुबाई
की जीवनी का अंश। 2
शकुन्तला
का जन्म महाराष्ट्र के एक गाँव
में हुआ था। माँ का नाम लक्ष्मीबाई
तुकाराम जामडे था। एक छोटा
भाई था नितिन और एक छोटी बहन
वासंती। उसके बाबा का हाथ
टेढ़ा था लेकिन वे दिन-रात
मेहनत करते थे। छोटी आयु में
ही शकुन्तला काम करने लगी थी।
शकुन्तला की दादी की मृत्यु
होने पर नानी और मामा बंबई से
आये। उसके परिवार की हालत
देखकर सकुबाई की माँ को बंबई
में आकर काम करने का सुझाव
दिया गया। इस प्रकार शकुन्तला
माँ लक्ष्मीबाई और नितिन बंबई
पहुँचे। गाँव में जो थोड़ी
सी ज़मीन है उसकी देखभाल के
लिए बाबा और उनकी सहायता के
लिए वासंती गाँव में रहने लगे।
सकुबाई को पाठशाला जाने की
बड़ी इच्छा थी। लेकिन गरीबी
के कारण माँ शकुन्तला को स्कूल
भेज न सकी। याने सकुबाई अशिक्षित
थी। शकुन्तला की एक बेटी थी
साईली। शकुन्तला को लोग सकू
या सकुबाई पुकारते हैं। पिछले
कुछ सालों से शकुन्तला किशोर
कपूर के घर में बाई के रूप में
काम करती है। शकुन्तला छोटी-छोटी
कदम रखकर तेज़ चलनेवाली एक
मज़बूत और मेहनती और अधेड़
उम्र की औरत है।
10.
घर में
उपेक्षित-सा
गजाधर बाबू:
गणेशी
के नाम गजाधर बाबू का पत्र। 4
स्थान:.................,
तारीख:...............।
प्रिय
गणेशी,
तुम
कैसे हो?
आजकल
तुम्हारा काम कैसा चल रहा है?
मैं यहाँ
ठीक हूँ।
गणेशी
मुझे बीच-बीच
में तुम्हारी याद आ रही है।
पैंतीस साल की नौकरी से रिटायर
होकर घर पहुँचते समय मन में
बड़ी उम्मीदें थीं। लेकिन घर
में ठीक उल्टा ही हुआ। मैं
अपने ही घर में पराया हो गया
हूँ। अपने घर में एक चारपाई
रखने का स्थान भी मुझे नहीं
मिलता। याने बीबी-बच्चों
के मन में मेरे लिए कोई स्थान
नहीं है। तुम्हारे हाथों से
समय पर मिले खाने के बारे में
अब भी याद करता हूँ। अपने ही
घर में परदेसी बनकर मैं कैसे
रहूँ?
इसलिए
मैं सेठ रामजीमल के चीनी मिल
में नौकरी करना चाहता हूँ।
तुम्हारे
परिवारवालों को भी मेरा नमस्कार।
तुम्हारा,
(हस्ताक्षर)
गजाधर
बाबू।
सेवा
में
गणेशी.....,
….................,
…................।
(उम्मीदें
: പ്രതീക്ഷകള്,
ठीक उल्टा
: നേരെ
മറിച്ച്)
11.
बालदिवस
समारोह की सूचना देते हुए
पोस्टर 4
सरकारी
हायर सेकंडरी स्कूल,
एरणाकुलम
महादेवी
हिंदी मंच की ओर से
बालदिवस
समारोह
का
आयोजन किया जाता है
14-11-2015
शनिवार
को
स्कूल
ऑडिटोरियम में
* विभिन्न
प्रतियोगिताएँ
(प्रश्नोत्तरी,
कविता
रचना,
निबंध
रचना,
कविता
पाठ)
* जुलूस
* सार्वजनिक
सम्मेलन
मुख्यातिथि:
एम.जी.
राजमाणिक्कम
आई.ए.एस,
जिलाधीश,
एरणाकुलम
सबका
स्वागत है
संयोजक
प्रधानाध्यापक
(सार्वजनिक
सम्मेलन:
പൊതുസമ്മേളനം,
कविता
पाठ:കവിതാ
പാരായണം,
जुलूस:
ഘോഷയാത്ര)
12-14
कविता
के आधार पर उत्तर
12.
चिड़ियाँ
मीठे गीत सुनाती हैं।
13.
सबेरा,
हुआ सबेरा,
जागो,
जागो हुआ
अंधेरा,....
14.
कविता
का आशय
प्रस्तुत
कवितांश में रचनाकार पाठकों
को आलस छोड़कर जागृत होने की
प्रेरणा देते हैं।
रचनाकार
कहते हैं कि सबेरा हुआ है,
अंधेरा
मिटा है,
जागो और
आलस छोड़कर सक्रिय हो जाओ।
चिड़ियाँ मीठे गीत गाकर,
हमें जगा
रही हैं। सूरज की किरणें आकर
कह रही हैं कि अंधेरा दूर हो
गया है,
जागृत
हो जाओ।
प्रस्तुत
कवितांश सभी पाठकों को आलस
छोड़कर अपने-अपने
काम में लगवानेवाला है। एक
नया प्रभात और नया उदय सूचित
करनेवाला यह कवितांश बिलकुल
प्रेरणादायक और प्रासंगिक
है।
सूचना:
रेखांकित
अंश का संशोधन करके वाक्यों
का पुनर्लेखन करें।
15.
एक छोटा
गाँव था। गाँव में एक नदी थी।
नदी गंदी हो गई। तब लोगों
ने उसे साफ़ किया। 2
सूचना:
कोष्ठक
से उचित विशेषण या क्रियाविशेषण
शब्द चुनकर वाक्यों की पूर्ति
करके
लिखें।
16.
चाँदनी
रात! आकाश
में कई तारे थे। मैं अकेला
था। फिल्मी गीत सुन रहा
था। 2
सूचना:
उचित
योजक का प्रयोग करके वाक्यों
को मिलाकर लिखें।
17.
बादल गरजे
और पानी बरसा। 1
सूचना:
निम्नलिखित
खंड पढ़कर उसके नीचे दिए (18-21)
प्रश्नों
के उत्तर
लिखें।
18.
'कठिन
सवाल' में
'कठिन'
शब्द
विशेषण है। 1
19.
'उनका'
में
प्रयुक्त सर्वनाम वे
है। 1
20.
अध्यापक
गणित पढ़ा रहे थे। 1
21.
कठिन सवाल
था। घंटी बजनेवाली थी। बच्चे
घर जाने की जल्दी में थे। इसलिए
उनका ध्यान सवाल की ओर नहीं
था। 2
ravi.
m., ghss, kadannappally, kannur
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