Annual
Exam Mar. 2015 IX Hin Ans
1.
तालिका
की पूर्ति 2
पाठ
|
प्रोक्ति
|
रचयिता
|
ठंडे
पानी की मशीन
|
कविता
|
एकांत
श्रीवास्तव
|
हमारे
गाँव की आखिरी वारिश
|
कहानी
|
आलोक
अग्रवाल
|
सिपाही
की माँ
|
एकांकी
|
मोहन
राकेश
|
ऐसा
था मेरा बचपन
|
आत्मकथांश
|
ओमप्रकाश
वाल्मीकि
|
2.
कोष्ठक
से वाक्य चुनकर घटनाओं को
क्रमबद्ध करके पुनर्लेखन
करें। 2
- बारिश आते ही गंगाबिशन का मन नाचने लगा।
- उसके बाबा, काका सभी चिंता में पड़ गये।
- स्कूल गाँव से हटाया जा रहा है।
- गंगाबिशन का मन ज़ोर-ज़ोर से रोने लगा।
3.
'मेमना'
के
किसान की चरित्रगत विशेषताएँ 2
- अन्याय के विरुद्ध आवाज़ उठानेवाला।
खेती से तत्पर न रहनेवाला।- अच्छे बीज की तलाश करनेवाला।
4-7
तालिका
से सही उत्तर चुनकर लिखना
4.
'एक
दिन सहसा सूरज निकला,
अरे
क्षितिज पर नहीं'-
नगर
के चौक पर। 1
5.
लेकिन
लड़कों को न
अपने अतीत में दिलचस्पी थी,
और
न भविष्य की फिक्र। 1
6.
'अच्छे-अच्छे
काम करते जाना'-
राना
ने कहा। 1
7.
'रास्ते
में पहाड़ खड़ा हो जाना'
का मतलब
है मार्ग में रुकावट पड़ना। 1
8
से 10
तक के
प्रश्नों से किन्हीं दो का
उत्तर लिखें।
8.
बड़े-बड़े
बाँधों से लाभ की तुलना में
हानि अधिक होती है। बड़े बाँध
बनाने के लिए अनेकों लोगों
को अपनी ज़मीन से हटाए जाते
हैं और खेत,
जंगल आदि
प्राकृतिक संपत्ति का नाश
होता है। अत:
बड़े-बड़े
बाँधों की तुलना में छोटे-छोटे
बाँध ही अधिक लाभकारी होते
हैं। 2
9.
होरी ने
अपने बेटे का नाम गोबर रखा है।
किसानों के घर में गाय,
बैल,
गोबर आदि
ज़रूर होते हैं। खेती में
अत्यधिक तत्पर होरी ने अपने
बेटे का नाम इसलिए गोबर रखा
होगा। लेकिन उन्होंने अपनी
बेटियों के नाम रूपा और सोना
रखे हैं। 2
10.
किसान
सबेरे उठकर बैलों के साथ खेत
जाया करते हैं। लेकिन खेती
नहीं करनेवाले किसान ने बैलों
को बेचकर साइकिल खरीदा है।
मालिक की कर्कश डाँट से बचने
के लिए सबेरे साइकिल निकालकर
पूरी ताकत से पैडल मारकर नगर
की ओर जाता है। यह सकारात्मक
परिवर्तन नहीं है।
(सकारात्मक
: Positive,
ഗുണപരമായ)
11.
संशोधन 2
इमली
के पेड़ के नीचे राम लेटा
था। अचानक उसको माँ की
आवाज़ सुनाई दी।
12.
योजक का
प्रयोग करके वाक्यों का
पुनर्लेखन- 1
बेटी
को गुस्सा आया क्योंकि उसका
पैर नुकीले पत्थर से ठोकर लग
गयी।
13-15
कवितांश
से संबंधित उत्तर
13.
मेघ तृण
को जीवन देता है। 1
14.
शीर्षक
'बारिश',
'बारिश
की बूँदें',
….। 1
15.
कविता
का आशय
3
मशहूर
हिन्दी कवि श्री विजयकुमार
पंत के प्रस्तुत कवितांश में
बारिश का वर्णन है।
बारिश
की बूँदें सभी में नवजीवन और
सुंदर नवरंग लाती हैं। मेघ
अपना जल तृणों तक के सभी
पेड़-पौधों
को देते हैं। ऐसा वातावरण
देखनेवालों के मन में आनंद
भर देता है। मंद पवन के आने पर
हरे-भरे
बगीचे भी बिलकुल नाचने लगते
हैं।
बारिश
का मौसम सभी के मन में आनंद
भरनेवाला है। विशेष तौर पर
किसानों के मन में विशेष आनंद
होता है क्योंकि बारिश होने
पर वे खेती शुरू कर सकते हैं।
अत: यह
कवितांश अच्छा और प्रासंगिक
है।
16-20
गद्यांश
के आधार पर उत्तर
16.
मानव की
प्रगति का मूल-मंत्र
अनुशासन है। 1
17.
'सभी सफल
व्यक्ति'-
में 'सफल'
शब्द
विशेषण है। 1
18.
'उससे'
में
प्रयुक्त सर्वनाम वह
है। 1
19.
खंड से
दो संज्ञा शब्द – अनुशासन,
अर्थ।
(नियम,
जीवन,
मानव,
प्रगति,
मंत्र,
मनुष्य,
संसार,
व्यक्ति,
राह,
विद्यार्थी)
2
20. अनुशासन
मानव की प्रगति का मूलमंत्र
है। उससे मनुष्य सक्रिय रहता
है। संसार के सभी सफल व्यक्ति
अनुशासन की राह से गुज़रे हैं।
विद्यार्थी के लिए अनुशासन
अनिवार्य है। 2
21-23
किन्हीं
दो के उत्तर लिखें
21.
जल संरक्षण
का महत्व बताते हुए मित्र के
नाम पत्र 4
स्थान:
…...........,
तारीख:
…..........
प्रिय
रमेश,
तुम
कैसे हो?
वार्षिक
परीक्षाएँ कैसी हैं। घर में
सब ठीक हैं न?
मैं यहाँ
ठीक हूँ।
मैं
इस पत्र के द्वारा जल संरक्षण
का महत्व बताना चाहता हूँ।
खाने के बिना हम कुछ दीन जी
सकते हैं लेकिन पानी के बिना
जीना असंभव है। ज्यादातर लोग
जल का महत्व ठीक तरह से समझते
नहीं। इसलिए वे जल का दुरुपयोग
करते हैं। हमें जल का उपयोग
बड़ी सावधानी से करना चाहिए।
जल संरक्षण के लिए जलस्रोतों
को सुरक्षित रखना और प्रदूषण
से बचाना अनिवार्य है। जल
अमूल्य है।
तुम्हारे
माँ-बाप
को मेरा प्रणाम। छोटे भाई को
प्यार।
तुम्हारा
मित्र,
(हस्ताक्षर)
सुरेश।
सेवा
में
रमेंश.
के.,
पता:.................,
….....................
22.
गाँव
डूबने के संबंध में गंगाबिशन
और बबलू के बीच का वार्तालाप। 4
गंगाबिशन:
बबलू,
क्या तुम
जानते हो न?
हमारा
गाँव डूबनेवाला है।
बबलू:
हाँ गंगा,
सोचते
ही दुख और डर लगता है।
गंगा:
हमारे
स्कूल,
खेत सब
नष्ट हो जाएँगे।
बबलू:
हाँ यार,
हम सहपाठी
अलग-अलग
हो जाएँगे क्या?
गंगा:
पता नहीं।
पिताजी कहते हैं कि सरकार ने
थोड़ा-सा
पैसे दिए हैं। उससे घर
बनाना
और ज़मीन
खरीदना मुश्किल है।
बबलू:
गाँव के
सभी लोग विभिन्न क्षेत्रों
में जाएँगे!
गंगा:
पता नहीं।
जहाँ ज़मीन मिलती है वहाँ जाना
पड़ेगा।
बबलू:
स्कूल
बंद होने पर हमारी पढ़ाई का
क्या होगा?
गंगा:
जहाँ
ज़मीन मिलती है वहाँ के स्कूल
में प्रवेश पाना होगा। आकाश
में बादल
छा जाने पर पिताजी
खुश हो जाते थे। लेकिन इस बार
पिताजी बड़ी चिंता
में पड़
रहे हैं।
बबलू:
हमारे
मित्रों से अलग होने के बारे
में सोचकर मन अशांत होता है।
गंगा:
सही बात
है यार। तुम,
श्याम,
गगन,
रामकिशन,
फ़जीत,
रामप्यारी,
पुष्पा-
सभी से
अलग होने
के बारे में सोचना भी मुश्किल
है।
बबलू:
हाँ गंगा।
ऊपरवाला हमारी सहायता करे।
23.
रेल
यात्रा की घटनाएँ -
'मेमना'
के
किसान की डायरी 4
तारीख:
….............
आज
में अपने मंझले भाई के घर गया।
अच्छे बीज की तलाश में। बीज
नहीं मिला,
लेकिन
एक मेमना मिला। वहाँ से वापस
आते समय रेलगाड़ी में भारी
भीड़ थी। मेमने को भी हाथ में
लेकर भरी गाड़ी में यात्रा
दुष्कर थी। डिब्बे में कुछ
नौजवान लड़के थे-
अफ़सरनुमा,
बिना टिकट
के बेठे थे। वे अन्य यात्रियों
को जगह न देकर पैर पसारे बैठे
थे। वे लड़के अन्य यात्रियों
की मज़ाक कर रहे थे,
अपमान
और तंग कर रहे थे। जब उनका खेल
मुझपर हुआ मैंने उनको थप्पड़
मारकर ठीक कर दिया। उनमें से
अधिकांश लड़कों को मेरे हाथों
का प्रसाद मिला था। उसके बाद
वे सब अच्छे बने थे,
कुछ
यात्रियों को बैठने की सीट
भी मिली। आज की यात्रा का अनुभव
में कभी नहीं भूलूँगा।
24.
'पाँव
तले दबी गर्दन'
का
मंचीकरण -
पोस्टर
3
सरकारी
हायर सेकंडरी स्कूल,
कडन्नप्पल्लि
नवीं
'बी'
के
छात्र प्रस्तुत करते हैं
पाँव
तले दबी गर्दन
(प्रेमचंद
के गोदान उपन्यास-अंश)
का
मंचीकरण
निर्देशक:
मुनीस
मुस्तफ़ा
10
फरवरी,
2015 पूर्वाह्न
11.30
बजे
स्थान:
स्कूल
ऑडिटोरियम
देख
लें! मज़ा
लें!!
(निर्देशक:
സംവിധായകന്,
देख लें,
मज़ा लें:
കാണുവിന്
ആസ്വദിക്കുവിന്)
रवि.
एम.,
सरकारी
हायर सेकंडरी स्कूल,
कडन्नप्पल्लि,
कण्णूर।
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