Annual
Exam Mar. 2015 VIII Hin Model Answer Paper
1.
पाठ
-
प्रोक्ति
-
रचयिता
-
तालिका
की पूर्ति 2
-
पाठ
प्रोक्ति
रचयिता
तोड़ती पत्थर
कविता
सूर्यकान्त त्रिपाठी निराला
जैनी
कहानी
विक्टर ह्यूगो
सफ़र लंबा है मंज़िल बाकी है
आत्मकथा
किरण बेदी
मंगर
रेखाचित्र
रामवृक्ष बेनीपुरी
2.
रेखाचित्र
की घटनाएँ क्रमबद्ध करके
लिखना- 2
- मंगर मेरे खेत की ओर सुबह-सुबह जाता।
- हल के बदले मुझे उसके कंधे पर चढ़ने का सौभाग्य मिला था।
- मंगर का शरीर उस पुराने मंगल का व्यग्य चित्र मात्र रह गया।
- पुआल के टाल के नज़दीक एक काला-सा अस्थिपंजर का रूप देखा।
3.
राज
की चरित्रगत विशेषताएँ 2
- प्रजा के सुख-दुख का ध्यान रखनेवाला।
किसानों की सहायता न करनेवाला।- प्रकृति सौन्दर्य पर आकर्षित होनेवाला।
सूचना:
उचित
उत्तर चुनकर लिखें।
4.
'सबकुछ
बहुवचन में,
एकवचन
में मैं'
- पत्नी।
1
5.
ईश्वर
हमारे अंदर बसता है। कबीर ने
इसके लिए कस्तूरी
मृग का उदाहरण
दिया है। 1
6.
'मैं
व्यवस्था पर टेनीस के माध्यम
से प्रहार कर रही थी'-किरण
बेदी का कथन है।
1
7.
जैनी
का पति बचपन से ही मछली
पकड़ने का काम
करता था। 1
8से10
तक
के प्रश्नों में से किन्हीं
दो के उत्तर लिखें।
8.
मछुआरे
गहरे सागर में ऊँची-ऊँची
लहरें,
आँधी-तूफान,
भारी
वर्षा आदि का सामना करते हुए
मछली पकड़ते हैं। अपनी गरीबी
से मुक्त होने के लिए विषम
परिस्थितियों में भी वे मछली
पकड़ने जाते हैं। याने मछुआरों
का जीवन बहुत संघर्षमय है। 2
9.
पत्नी
को घर में विभिन्न प्रकार के
काम करने पड़ते हैं। घरों में
पतियों का शासन चलता है। पत्नी
को चुपचाप सारे काम बड़ी सावधानी
से करने पड़ते हैं। उसे अपने
कार्यों से छुट्टी या मुक्ति
नहीं मिलती। इसलिए 'पत्नी'
कविता
में उसकी तुलना दुधारू गाय
से की गई है। यह ठीक नहीं है।
परिवारों में स्त्रियों को
दुधारू गाय मानना ठीक नहीं
है,
उन्हें
भी समान अधिकार मिलना
चाहिए। 2
10.
साक्षरता
का स्तर बहुत बढ़ने के कारण
खेती करने के लिए बहुत कम लोग
आगे आते हैं। जनता उच्च शिक्षा
प्राप्त करने पर खेतों में
काम करने के लिए लोगों को नहीं
मिलता,
विशेषत:
महिलाओं
को। धान की खेती की जटिल
प्रक्रिया,
सरकारी
सहायता की कमी,
लोगों
का अन्य क्षेत्रों में नौकरी
के लिए जाना,
मुनाफे
की कमी,
धान
के बदले में अन्य फसलों की
खेती आदि कारणों से केरल में
धान की खेती कम होती जा रही
है। 2
11.
विरामचिह्न
लगाकर पुनर्लेखन- 2
''अरे
पंडित जी,
यह
गेहूँ का दाना किस मौसम में
पकता है?''
राजा
ने जानना चाहा।
12.
संशोधन- 2
जैनी
का
(की)
पति
सागर से वापस आया
(आयी)।
उसको
(वह
को)
बहुत
कम मछली
(मचली)
मिली।
13-15
कविता
के आधार पर उत्तर
13.
सूरज
रोज़ सवेरा लाता है। 1
14.
सूरज 1
15.
कवितांश
का आशय 3
इस
कवितांश में सूरज की महिमा
का वर्णन है।
सूरज
चाचा रोज़ हमारे लिए सवेरा
लाते हैं और किरणों को फैलाकर
दुनिया को चमकाते हैं। वे
अंधेरा दूर करते हैं और इस
प्रकार धरती को नया जीवन देते
हैं। सूरज चाचा धरती में ऊर्जा
का स्रोत बहाते हैं। हमारे
लिए इतने अधिक कार्य करनेवाले
सूरज चाचा को सभी लोग पसंद
करते हैं।
धरती
में जीवन सूरज के कारण ही संभव
होता है। उसके बिना हम जी भी
नहीं सकते। अत:
यह
कवितांश अच्छा और प्रासंगिक
है।
गद्यांश
के आधार पर उत्तर (16-18)
16.
किताब
के पन्ने पलटते समय हम सब अपनी
ज़िन्दगी के दुख-दर्द
भूल जाते हैं। 1
17.
'इसके'
में
प्रयुक्त सर्वनाम 'यह'
है।
1
18.
मातृभाषा
में अनुवाद:
അക്ഷരജ്ഞാനമുള്ള
ഏതൊരാള്ക്കും പുസ്തകം
ഭക്ഷണത്തെക്കാളും മധൂരമുള്ള
(പ്രിയപ്പെട്ട)
താകുന്നു.
പുസ്തകത്തിന്റെ
ലോകം നമ്മുടെ യഥാര്ത്ഥ
ലോകത്തില്നിന്നും
വ്യത്യസ്തമാകുന്നു.
ഇതിന്റെ
പേജുകള് മറിക്കുമ്പോള്
നമ്മള് ജീവിതത്തിലെ ദുഖങ്ങളും
വേദനകളും മറന്നുപോകുന്നു. 3
19.
प्रोफाइल
सुधारकर लिखना- 3
नाम:
पं.
जवाहरलाल
नेहरू
जन्म:
1889 ई.
में
जन्मस्थान:
इलाहाबाद,
उत्तर
प्रदेश
कार्यक्षेत्र:
राजनीतिज्ञ,
साहित्यकार
पद:
प्रधानमंत्री
मृत्यु:
1962 ई.
20.
बुआ
पुत्र-प्राप्ति
के लिए पूजा की तैयारी करती
है। रेश्मा-सुधा
वार्तालाप5
रेश्मा:
सुधा,
मैं
रेश्मा बोल रही हूँ।
सुधा:
बताओ
रेश्मा। क्या बात है?
रेश्मा:
मैंने
तुमसे कहा था न?
बुआ
के बारे में।
सुधा:
हाँ
रेश्मा,
शादी
होके पन्द्रह साल बीत गए,
कोई
संतान नहीं। है न?
रेश्मा:
हाँ
सुधा,
वही
बुआ है। उन्होंने पुत्र-प्राप्ति
के लिए बड़े अनुष्ठान का
आयोजन
किया है। घर
में एक बाबा आए हैं और मोहल्ले
की महिलाएँ
मौजूद हैं। हमें
किसी तरह रोकना हैसुधा।
सुधा:
बाबा
धोखे से बुआ से पैसे हड़पेंगे।
सावधानी के काम करना है।
रेश्मा:
तुम्हारा
श्रीकांत भैया पुलिस में है
न?
हमें
सहायता मिलेगी?
सुधा:
ज़रूर
रेश्मा,
मैं
अभी भैया को फोन करती हूँ। तुम
जल्दी घर जाओ।
उस बाबा पर नज़र
रखो। श्रीकांत भैया के आने
के पहले वे बच न जाएँ।
रेश्मा:
ठीक
है सुधा। मैं अभी घर जाती हूँ।
सुधा:ठीक
है।
21.
राजा
की डायरी -
रानी
के साथ भ्रमण का अनुभव 5
तारीख:
…...............
आज
मैं रानी के साथ वेश बदल कर
भ्रमण करते हुए एक गाँव पहुँचा।
बाहर की खुली जगह का,
हरी-भरी
प्रकृति का दृश्य रानी को बहुत
अच्छा लगा। खेत में हमने एक
विचित्र दृश्य देखा। एक किसान
हल की एक ओर बैल और दूसरी ओर
अपनी लुगाई को जोतकर हल चला
रहा था। मुझे बड़ा आश्चर्य
और दुख हुआ। मेरी विनती पर
किसान ने अपनी लुगाई के स्थान
पर मुझे रखकर थोड़ी देर जोता।
हे भगवान!
मैं
ने पहली बार जाना कि मेहनत में
कितना दम लगता है। मैंने
मन-ही-मन
उस श्रम-देवता
का नमस्कार किया। आज मुझे बड़ा
दुख हुआ कि मेरे देश में इतनी
कठिनाई और गरीबी में लोग रहते
हैं।
22.
मधु
कांकरिया की जहाज़ यात्रा के
दृश्य – टिप्पणी 5
मधु
कांकरिया ने सोनाखाली से अपनी
जहाज़-यात्रा
शुरू की थी। यात्रा में उन्होंने
विभिन्न प्रकार के दृश्य देखे
थे। मधु कांकरिया ने जहाज़
यात्रा के बीच में विशाल सागर,
नौकाएँ,
जहाज़
और मछुआरे देखे। जहाज़ की छत
पर से खुले आसमान का दृश्य
देखा। उन्होंने एक महिला को
देखा,
जो
तिकोने नीले जाल खींचकर मछली
पकड़ रही थी। वह बहुत कमज़ोर
लगती थी। उसके लड़खड़ाते शरीर
को देखकर लेखिका को ऐसा लगा
कि मेरा हाथ भी उसके श्रम मे
जुड़ पाता। देखते-देखते
उस मछुआरिन का दृश्य दूर होकर
आँखों से ओझल हो गया। फिर एक
नौ-दस
बरस के नन्हे मछुआरे को देखा
जो बाँस के सिरे बँधे तिकोने
नीले जाल को खींचता हुआ हाँफ
रहा था। उसके लड़खड़ाते शरीर
को देखकर लगा कि वह इस धार में
बह ही न जाए।
23.
अंधविश्वास
के विरुद्ध सूचना देनेवाला
पोस्टर। 4
जागो!
अंधविश्वासों
के चंगुल में न पड़ें।
तंत्र-मंत्र
प्रायश्चित्र
पूजा-पाठ
जादुई तावीज़
पूजा-पाठ
जादुई तावीज़
आदि
के नाम पर धोखा न खाएँ
बुद्धि
और विवेक से काम करें।
अंधविश्वास
का शिकार न बनें।
जागरण
समिति समिति
रवि.
एम.,
सरकारी
हायर सेकंडरी स्कूल,
कडन्नप्पल्लि,
कण्णूर।
No comments:
Post a Comment