मित्रो,
'चिराग' नामक इस नए ब्लॉग में आप सबका हार्दिक स्वागत करता हूँ। इसे सुचारू ढंग से चलाने में आप सबकी भागीदारी और सहयोग की प्रार्थना करता हूँ। इसमें जो प्रस्तुति निकलते हैं, अधिकतर इसके लेखक के मतानुसार या दृष्टिकोण के आधार पर होते हैं। इसलिए आपसे प्रार्थना है कि ऐसा विश्वास न रखें कि ये सब बिलकुल प्रामाणिक हैं, एक भी कमी या गलती नहीं होगी। लेकिन मेरी उम्मीद है कि ये सब आपके कक्षा संचालन में उपयोगी होंगी। प्रस्तुतियों पर आप विचार करें, अपनी कक्षाओं के अनुरूप उसे बदलिए और उपयोगी लगे तो इस्तेमाल करें। सभी प्रस्तुतियों पर आपके विचार, खंडन-मंडन, आलोचना सब हमारे लिए सहायक और स्वीकार्य होंगे। इसलिए आप सब खुल्लमखुल्ला अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त करें। यदि आप संतृप्त हैं तो औरों को भी बताएँ, सदुपयोग करने की प्रेरणा दें। यदि आप असंतृप्त हैं तो निस्संकोच हमें बताएँ।
मेरी इच्छा है कि यह चिराग केरल के हाई स्कूल हिंदी अध्यापकों को अपनी नई-नई प्रस्तुतियों से सदा रोशनी देता रहे। इसे रोशनदार बनाके रखने में आप सबकी सहायता और आशीर्वाद की कामना करता हूँ।
हार्दिक शुभकामनाएँ।
आपका,
रवि।
शुभकामनाएँ......
ReplyDeleteजी, आपका प्रयास बिलकुल सराहनीय है ।शुभ कामनाएँ
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