प्र.१. इसका मत प्रकट करने से छात्र ऐसा लिखेंगे कि गाँवों को छोड़कर शहरों में जाना लाभदायक है और आवश्यक है।
प्र.२. वही समस्या यहाँ भी आती है कि छात्रों को इस कविताँश से एक गलत आशय ही मिलेगा। इसलिए छात्र ऐसा ही लिखेगा कि गाँव छोड़कर शहरों में जाना ही अच्छा है।
प्र.४. पारिभाषिक शब्दों के लिए उत्तर कोष्ठक में दिए जाते थे, लेकिन इस बार ऐसा नहीं हुआ। एक अंक दिया जाता
था, लेकिन वह आधा अंक का बना दिया है।
प्र.६. संशोधन के अंशों को रेखांकित करना चाहिए था, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। वह भी नहीं पाठ्यपुस्तक का अंश
परिवर्तित करके दिया है। वह भी भ्रमात्मक है।
प्र.७. इस प्रश्न के लिए जो अंश दिया है वह भी भ्रमोत्पादक है। क्योंकि इसमें एक कथन है और एक विवरण भी है।'रोगियों को बचाने का काम न डॉक्टर का है, न दवाओं का, वह प्रभु का है' ही देना उचित था।
प्र.८. डायरी लिखने के लिए संदर्भ देकर लिखने का निर्देश देना काफी था। लेकिन यहाँ डायरी का पन्ना लिखने का
निर्देश था वह भी छात्रों के लिए दुविधाजनक है। छात्रों ने पन्ना को पत्र समझा है।
प्र.९. इस प्रश्न का निश्चित उत्तर अध्यापकों भी निश्चित रूप से नहीं बता पाए हैं। क्योंकि अत्यंत संदेहजनक
है। क्रमबद्ध करके लिखना छात्रों के लिए बहुत मुश्किल है।
प्र.१०. संशोधन का दूसरा प्रश्न हुआ, वह भी रेखांकन के अभाव में छात्र अत्यंत कठिनाई का अनुभव करते हैं।
प्र.११. यह प्रश्न भी त्रुटिहीन नहीं, क्योंकि ऐसा कार्य किसी भी अध्यापक ने अपनी कक्षा में नहीं किया होगा।
प्र.१४,१५. में 'बधाई' मुख्य बात है, लेकिन यह शब्द छात्रों के लिए कठिन है। जब तक इस शब्द का अर्थ नहीं जानते हैं, उत्तर लिखना मुश्किल है।
रतीशन. पी.पी., सरकारी हायर सेकंडरी स्कूल, कोय्यम, कण्णूर
प्र.२. वही समस्या यहाँ भी आती है कि छात्रों को इस कविताँश से एक गलत आशय ही मिलेगा। इसलिए छात्र ऐसा ही लिखेगा कि गाँव छोड़कर शहरों में जाना ही अच्छा है।
प्र.४. पारिभाषिक शब्दों के लिए उत्तर कोष्ठक में दिए जाते थे, लेकिन इस बार ऐसा नहीं हुआ। एक अंक दिया जाता
था, लेकिन वह आधा अंक का बना दिया है।
प्र.६. संशोधन के अंशों को रेखांकित करना चाहिए था, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। वह भी नहीं पाठ्यपुस्तक का अंश
परिवर्तित करके दिया है। वह भी भ्रमात्मक है।
प्र.७. इस प्रश्न के लिए जो अंश दिया है वह भी भ्रमोत्पादक है। क्योंकि इसमें एक कथन है और एक विवरण भी है।'रोगियों को बचाने का काम न डॉक्टर का है, न दवाओं का, वह प्रभु का है' ही देना उचित था।
प्र.८. डायरी लिखने के लिए संदर्भ देकर लिखने का निर्देश देना काफी था। लेकिन यहाँ डायरी का पन्ना लिखने का
निर्देश था वह भी छात्रों के लिए दुविधाजनक है। छात्रों ने पन्ना को पत्र समझा है।
प्र.९. इस प्रश्न का निश्चित उत्तर अध्यापकों भी निश्चित रूप से नहीं बता पाए हैं। क्योंकि अत्यंत संदेहजनक
है। क्रमबद्ध करके लिखना छात्रों के लिए बहुत मुश्किल है।
प्र.१०. संशोधन का दूसरा प्रश्न हुआ, वह भी रेखांकन के अभाव में छात्र अत्यंत कठिनाई का अनुभव करते हैं।
प्र.११. यह प्रश्न भी त्रुटिहीन नहीं, क्योंकि ऐसा कार्य किसी भी अध्यापक ने अपनी कक्षा में नहीं किया होगा।
प्र.१४,१५. में 'बधाई' मुख्य बात है, लेकिन यह शब्द छात्रों के लिए कठिन है। जब तक इस शब्द का अर्थ नहीं जानते हैं, उत्तर लिखना मुश्किल है।
रतीशन. पी.पी., सरकारी हायर सेकंडरी स्कूल, कोय्यम, कण्णूर
question paper publish करें तो अच्छा होगा
ReplyDeleteसंदेश पढ़ा।
ReplyDeleteप्रश्न पत्र भी इसके साथ प्रकाशित करें तो अन्य जिलाओं के अध्यापकों और छात्रों को भी लाभदायक होगा।
प्र.सं. ९. क्रमबद्ध करने के लिए दिए गए वाक्यों में निम्नलिखित व्याकरणिक त्रुटियाँ भी हैं- १. अकेलापन महसूस होती है (शुद्ध रूप 'होता' है) २. माली के बच्चों के साथ खेलने से मना करती है। (शुद्ध रूप 'मना किया जाता है') ३. मैनेजर साहब के बच्चों के साथ डौली को खेलने भेजती है (शुद्ध रूप 'भेजा जाता है')
ReplyDelete४. पिल्लों को गरम पानी में डुबोकर मरवा देते हैं। (उचित रूप 'मरवा दिया जाता है')
प्रश्न पत्र और उनकी समीक्षा लाभदायक है । मेरी राय में हमारे poolमें छात्रों के स्तरानुकूल अच्छे प्रश्नों की कमी ही है । जो गलतियाँ ईश्वर जी ने लिखी हैं वे भी ध्यान देने की बात ही है ।
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