24 Aug 2014

भारत का राष्ट्रगान - जन गण मन - संपूर्ण रूप


राष्ट्रगान (जन गण मन) का संपूर्ण रूप
जनगणमन अधिनायक जय हे भारत भाग्य विधाता
पंजाब सिन्धु गुजरात मराठा द्राविड उत्कल वंगा
विंध्य हिमाचल यमुना गंगा उच्छल जलधितरंगा
तवशुभ नामे जागे, तव शुभ आशिष मागे, गाहे तव जय गाथा

जनगणमंगलदायक जय हे भारत भाग्य विधाता
जय हे, जय हे, जय हे जय जय जय जय हे
अहरह तव आह्वान प्रचारित सुनि तव उदार वाणी
हिंदु बौद्ध सिख जैन पारसिक मुसलमान क्रिस्तानी
पूरब पश्चिम आसे, तब सिंहासन पासे, प्रेमहार हय गाथा
जनगणऐक्यविधायक जय हे भारत भाग्य विधाता
जय हे, जय हे, जय हे, जय जय जय जय हे
पतनअभ्युदयबंधुर पंथा युग युग धावित यात्री
तुम चिर सारथि तव रथचक्रे मुखरित पथ दिन रात्री
दारुण विप्लव माजे, तब शंखध्वनि बाजे, संकट दुःखत्राता
जनगणपथपरिचायक जय हे भारत भाग्य विधाता
जय हे जय हे, जय हे जय जय जय जय हे
घोरतिमिरघननिबिड निशीथे पीड़ित मूर्छित देशे
जागृत छिल तव अविचल मंगल नत नयने अनिमेषे
दुस्वप्ने आतंके, रक्षा करिले अंके, स्नेहमयी तुमि माता
जनगण दुःखत्रायक जय हे भारत भाग्य विधाता
जय हे, जय हे, जय हे जय जय जय जय हे
रात्र प्रभातिल उदिल रविच्छवि पूर्व उदयगिरि भाले
गाहे विहंगम पुण्य समीरण नवजीवन रस ढाले
तव करुणारुण रागे, निद्रित भारत जागे, तव चरणे नत माथा
जय हे जय हे जय जय जय हे भारत भाग्यविधाता
जय हे, जय हे, जय हे जय जय जय जय हे

www.youtube.com/watch?v=fGR9n_2Mhc0

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