I
Term Exam Sep 2013 X Hin Model Answer Paper
1.
तालिका
की पूर्ति 2
-
पाठ का नामप्रोक्तिरचनाकारनदी और साबुनकविताज्ञानेन्द्रपतिगौरारेखाचित्रमहादेवी वर्माहाथी के साथीघटनामिलानीबाबूलाल तेली की नाककहानीस्वयंप्रकाश
2.
अंग्रेज़ी
शब्दों के स्थान पर उनका
समानार्थी हिंदी शब्द- 3
महादेवी
अपनी बहन श्यामा को पत्र लिखना
चाहती हैं। वे डाक-घर
गईं। लिपिक से उन्होंने एक
अंतर्देशीय पत्र कार्ड
और डाक-टिकट
खरीदे।
3.
कोष्ठक
से घटना चुनकर सही क्रम से
खाली स्थान की पूर्ति करना। 2
- बाबूलाल तेली की नाक पर मवाद पड़ गया।
- इलाज के लिए सपरिवार मुंबई भिजवा दिया गया।
- कई महीनों बाद बाबूलाल तेली एकदम चंगा होकर लौट आया।
- नाक की जगह सिर्फ़ दो सुराख रह गए थे।
4.
महादेवी
वर्मा की चरित्रगत
विशेषताएँ- 2
- पशु-पक्षियों से सहानुभूति रखनेवाली।
- उपयोगितावाद को न माननेवाली।
(5-7)
किन्हीं
दो के उत्तर लिखें- (2x2=4)
5.
आज का
मानव अपने में सीमित रहना
चाहता है। सामूहिक प्रतिक्रिया
करने के लिए वह तैयार नहीं है।
वहाँ रहे लोगों का मनोभाव ऐसा
था- किसी
पर अन्याय हुआ तो मुझे क्या
है। यह बिलकुल गलत है। ऐसा
नहीं होना चाहिए था। 2
6.
भारत
गोपालक देश है। याने गाय को
बड़ा महत्व देनावाला देश है।
यहाँ गाय को कामधेनु कहकर अदर
करनेवाले भी करोड़ों में हैं।
ऐसे भारत देश में एक मानव ने
निरीह गाय की निर्मम हत्या
की है। इसलिए लेखिका ने ऐसा
कहा है। 2
7.
गाँववालों
की जगह यदि मैं होता तो ऐसा
नहीं करता। मैं पुलिसवालों
और पशु-कल्याण
विभाग को सूचना देकर गाय की
लाश दफनाने और कानूनी कार्रवाई
लेने में सहायता देने को तैयार
होता।
(8-10)
किन्हीं
दो प्रश्नों के उत्तर
लिखें (2X4=8)
8.
अपनी
त्वचा बैंगनी हो जाने के दुख
में नदी की डायरी। 4
तारीखः................
आज
मैंने अपनी शक्ल पर ध्यान
दिया। मेरी शुभ्र त्वचा बैंगनी
हो गई है। प्रदूषण के कारण से
मेरा शक्ल बदल गया है। ये
स्वार्थी मानव मेरा शोषण करते
हैं और मुझे मैली-कुचैली
बना देते हैं। उन्होंने अपनी
सुख-सुविधाएँ
बढ़ाने के लिए बनाए गए कारखानों
से विषैला जल बहाकर और कूड़े-कचड़े
डालकर मुझे ऐसा बना दिया है।
हे भगवान!
मैं किसका
दोष करता हूँ। लेकिन बदले में
ये लोग मुझपर ऐसा अन्याय क्यों
करते हैं। लेकिन कोई भी पशु-पक्षी
मुझपर ऐसा अन्याय नहीं करता।
मेरी यह हालत कब बदलेगी।
9.
'सुई
खिलाकर गोहत्याः ग्वाला गायब'
समाचार। 4
स्थानः.............
तारीखः.................
विख्यात
लेखिका महादेवी वर्मा की गाय
गौरा की मृत्यु हुई। कई दिनों
के निरंतर प्रयत्न को विफल
बनाकर आज ब्रह्म मुहूर्त में
गौरा की मृत्यु हुई। दूध दुहने
नियुक्त ग्वाले ने गाय को सुई
खिला दी थी। डॉक्टरों के द्वारा
यह सत्य उद्घाटित होते ही
ग्वाला लापता है। पुलिस ने
केस रजिस्टर किया है। गाय का
पार्थिव अवशेष महादेवी जी ने
गंगा मैया को समर्पित किया।
पशु-पक्षियों
की रक्षा के लिए विभिन्न नियमों
के होते हुए भी निरीह जीवों
पर मानव का अत्याचार चलता रहता
है।
10.
पशु-पक्षियों
को मारना कानूनी जुर्म हैः
पोस्टर। 4
पशु-पक्षी
भी
धरती
पर जीने के हकदार हैं।
उनसे
प्रेमपूर्ण-दयापूर्ण
व्यवहार करें।
निरीह
प्राणियों पर अत्याचार न करें।
पशु-पक्षियों
को मारना कानूनी जुर्म है।
याद
रखें-
हमारे
जैसे
पेड़-पौधे,
पशु-पक्षी,
कीट-पतंग-
इन
सबको
इस
धरती पर जीने दें।
11.
बाबूलाल
तेली और रिसेप्शनिस्ट के बीच
का वार्तालाप। 4
रिसेप्शनिस्टः
आइए जी। आपके नाम,
आयु,
पता बताएँ।
बाबूलालः
मेरा नाम बाबूलाल तेली। आयु
45 साल।
…..................
रिसेप्शनिस्टः
बताइए,
यह कैसे
हुआ?
बाबूलालः
एक आदमी ने मेरी नाक पर घूँसा
मारा।
रिसेप्शनिस्टः
खून बह रहा है न?
ईस इट
इमरजेन्सी?
बाबूलालः
पता नहीं। लेकिन जल्दी ही कुछ
करना पड़ेगा।
रिसेप्शनिस्टः
एक मिनट जी। मैं आपको कहाँ
भेजूँ?
ठीक है
यह पर्ची लीजिए।
बाबूलालः
यह लेकर कहाँ जाना है?
रिसेप्शनिस्टः
आप पाँचवें माले पर जाइए। वहाँ
इमर्जेन्सी है।
बाबूलालः
वहाँ तक कैसे जाएँ?
रिसेप्शनिस्टः
आप लिफ़्ट की लाइन में खड़े
हो जाइए। इस लिफ़्ट में आप
पाँचवें माले पहुँच सकते हैं।
बाबूलालः
ठीक है।
(12-14)
कवितांश
के आधार पर उत्तर-
12.
शीर्षक:
'सुख-दुख' 1
13.
हमारा
जीवन सुख-दुख
के मधुर मिलन से ही परिपूर्ण
हो जाता है। 1
14.
कवितांश
का आशयः 3
इस
कवितांश में कवि कहते हैं कि
मानव जीवन सुख-दुःख
के सम्मिश्रण से ही परिपूर्ण
होता है।
कवि
कहते हैं-
मैं जिंदगी
में चिर सुख मिलने की आशा नहीं
करता हूँ। मैं निरन्तर दुःख
ही मिलते रहना भी नहीं चाहता।
कवि की राय है कि जिंदगी में
निरंतर सुख ही मिलते रहना या
दुःख ही मिलते रहना आनंददायक
नहीं होता। जिस प्रकार रात
के बाद दिन और दिन के बाद रात
होता है वैसे ही सुख के बाद
दुःख और दुख के बाद सुख का क्रम
ही अच्छा है,
तभी हम
सुख का मूल्य जानते हैं। अंधेरे
के बाद रोशनी,
रोने के
बाद हँसना आदि भी ऐसे ही उदाहरण
हैं।
कवि
यहाँ सुख-दुःख
मिश्रित जिंदगी को ही अच्छी
मानते हैं। बहुत-से
लोग ऐसे हैं जो धरती में ही
स्वर्ग की कामना करते हैं।
ऐसे संदर्भ में दुख-दुःख
दोनों के महत्व पर विचार
करनेवाला यह कवितांश बिलकुल
अच्छा और प्रासंगिक है।
15.
संशोधन- 2
एक
बूढ़ी हथिनी झुंड का नेतृत्व
कर रही थी। अपने जीवन के
सत्तर वर्षों में उसको जंगल
की कठिनाइयों का पूरा अनुभव
हो गया था।
16.
उचित
विशेषण चुनकर खंड का पुनर्लेखन
करें। 2
अमल
के पास अच्छी किताबें हैं।
उसके घर में एक विशाल पुस्तकालय
है। वह अपने मित्रों को उचित
किताबें देता है। छोटे बच्चों
के लिए उसके पास रंगीन
किताबें हैं।
17.
योजक
से वाक्यों को मिलाकर लिखें-
(क्योंकि,
और) 1
मैं
पढ़ नहीं सका,
क्योंकि
मेरी आँखों में दर्द है।
(18-21)
गद्यांश
के आधार पर उत्तर
18.
पीला
वस्त्र में 'वस्त्र'शब्द
संज्ञा है। 1
19.
'उसको'
में
प्रयुक्त सर्वनाम वह
है। 1
20.
रजनी को
रंगोली प्रतियोगिता में
पुरस्कार मिला। 1
21.
वसंत
उत्सव की सूचना देते हुए
उद्घोषणा- 2
प्यारे
छात्रो,
हमारे
स्कूल में सितंबर 17
तारीख
को बसंत उत्सव मनाया जा रहा
है। सभी उत्सव में सक्रिय भाग
लेकर उत्सव को सफल बनाएँ।
धन्यवाद।
Ravi.
M., GHSS, Kadannappally, Kannur
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