II Term
Exam Dec 2014 IX Hin Ans
1.
तालिका
की पूर्ति 2
पाठ
|
प्रोक्ति
|
रचयिता
|
ऐसा था
मेरा बचपन
|
आत्मकथा
|
ओमप्रकाश
वाल्मीकि
|
मेरा
सबकुछ अप्रिय है उनकी नज़र
में
|
कविता
|
निर्मला
पुतुल
|
सिपाही
की माँ
|
एकांकी
|
मोहन
राकेश
|
अपील
मानवता के नाम पर
|
पत्र
|
मगात्मा
गाँधी
|
2.
कोष्ठक
से वाक्य चुनकर घटनाओं को
क्रमबद्ध करके पुनर्लेखन
करें। 2
- डाकवाली गाड़ी आ गई।
- पड़ोसिन कुंती आंगन में आती है।
- दो बर्मी लड़कियाँ बाहर से आती हैं।
- मुन्नी लाड़ से माँ के गले में बाँहें डाल देती है।
3.
हेडमास्टर
कलीराम की चरित्रगत
विशेषताएँ 2
सबको समान रूप से देखनेवाला।- छात्रों से क्रूर व्यवहार करनेवाला।
- जाति के नाम पर भेदभाव रखनेवाला।
4-7
तालिका
से सही उत्तर चुनकर लिखना
4.
'आँखें
तरेरना'
का अर्थ
है- क्रुद्ध
होना। 1
5.
'यह तरीका
तो बिना मारे या चोट पहुँचाए
'करने
या मरने'
का तरीका
है।' यह
गाँधीजी का
तरीका
है। 1
6.
'यों चूहड़े
का यहीं पढ़ेगा...
इसी मदरसे
में'- यह
कथन ओमप्रकाश के पिताजी का
है। 1
7.
'इतने
करीब जाना था तो डिब्बे में
क्यों घुस आए?'-
लड़के
ने कहा। 1
8
से 10
तक के
प्रश्नों से किन्हीं दो का
उत्तर लिखें।
8.
ओमप्रकाश
तीन दिनों तक स्कूल के कमरे,
बरामदे
और मैदान साफ़ कर रहे थे। इससे
वह बहुत
थका
हुआ था। तीन दिनों से उपयोग
करने से शीशम के पेड़ की टहनियों
से बनाया गया झाड़ू भी
सूखकर
पत्ते झरने लगे थे। इसलिए ऐसा
बताया गया है कि मेरी तरह उसके
पत्ते सूखकर झरने
लगे
थे। ओमप्रकाश और झाड़ू दोनों
क्षीणित थे। 2
9.
गाँधीजी
जाति, रंग
या धर्म का भेद किए बिना मानव
जाति को मित्र बनाकर सारी मानव
जाति
की
मैत्री प्राप्त करना चाहनेवाले
थे। इसलिए गाँधीजी ने हिट्लर
को मित्र कहकर संबोधित किया
है। 2
10.
कवि अज्ञेय
जी कहते हैं कि मानव का रचा
हुआ सूरज मानव को भाप बनाकर
सोख गया। यहाँ
मानव
का रचा हुआ सूरज का मतलब है
परमाणु बम। मानव के द्वारा
बनाया गया परमाणु बम
मानव
के नाश के लिए ही कारण बना। 2
11.
संशोधन 2
किसान
खेत जा रहा है। उसके आगे दो
बैल चल रहे हैं। किसान अच्छी
उपज मिलने की
प्रार्थना
करता है।
12.
रेखांकित
शब्द का वहुवचन में बदलकर
वाक्य का पुनर्लेखन- 1
लड़के
स्कूल जाते हैं।
13.
उचित योजक
का प्रयोग करके वाक्यों को
जोड़कर लिखें। 1
कल
रविवार है इसलिए (कल)
छुट्टी
है।
14-16
कवितांश
से संबंधित उत्तर
14.
यह कविता
भारत से संबंधित है। 1
15.
शीर्षक:
मेरी
जन्मभूमि ,
मेरा
देश,
... 1
16.
कविता
का आशय 3
यहाँ
मशहूर हिन्दी कवि सोहनलाल
द्विवेदी अपनी प्यारी मातृभूमि
की सुंदरता का वर्णन कर रहे
हैं।
जिस
देश में विश्व का सबसे बड़ा
पहाड़ हिमालय आकाश चूमता है
और चरण के नीचे समुद्र झूम रहे
हैं, जिसकी
पहाड़ियों से अनेक झरने झरते
हैं और मस्त होकर झाड़ियों
में चिड़ियाँ चहक रही हैं वह
मेरी प्यारी मातृभूमि भारत
है। यह सुंदर आकर्षक और महान
देश है।
हर
व्यक्ति के लिए अपनी मातृभूमि
प्यारी होती है-
'जननी
जन्मभूमिश्च स्वर्गादपि
गरीयसि'।
जन्मभूमि या मातृभूमि की महिमा
गानेवाला यह कवितांश बिलकुल
अच्छा और प्रासंगिक है।
(प्रासंगिक
: പ്രസക്തമായ)
17-21
गद्यांश
के आधार पर उत्तर
17.
गंगा
नदियों में सबसे पवित्र मानी
जाती है। 1
18.
'हैण्ड
पम्प से खराब पानी निकलता है।'
वाक्य
में खराब शब्द विशेषण
है। 1
19.
पानी खराब
होने से दस्त,
पीलिया,
हड्डी
और चमडी की बीमारियाँ आदि
विभिन्न
प्रकार
की बीमारियाँ फैल जाती हैं।
2
20. खण्ड
से दो क्रिया शब्द चुनकर लिखें।-
मानी
जाती है,
दिखती
हैं। 1
(अन्य
क्रिया रूप:
बहती है,
बन चुकी
है, बीमार
पड़ रहे हैं,
निकलता
है, फैल
रही हैं)
21.
'इसमें'
में
प्रयुक्त सर्वनाम 'यह'
है। 1
22.
स्कूल
में सिपाही की माँ एकांकी
का मंचीकरण:
पोस्टर 3
सरकारी
हायर सेकंडरी स्कूल,
कडन्नप्पल्लि
नवीं
'ए'
के
छात्र प्रस्तुत करते हैं
सिपाही
की माँ
(मोहन
राकेश की एकांकी)
निर्देशक:
आदर्श
5
जनवरी,
2014 पूर्वाह्न
11.30
बजे
स्थान:
स्कूल
ऑडिटोरियम
देख
लें! मज़ा
लें!!
(निर्देशक:
സംവിധായകന്,
देख लें,
मज़ा लें:
കാണുവിന്,
ആസ്വദിക്കുവിന്)
23-25
किन्हीं
दो के उत्तर लिखें
23.
बेटे के
पत्र की प्रतीक्षा में निराश
माँ बिशनी की डायरी। 4
तारीख:....................
मेरे
बेटे की चिट्ठी क्यों नहीं आ
रही है। हर पन्द्रहवें दिन
चिट्ठी आयी करती थी। अभी तो
दो महीने बीत गए हैं। घर में
उसकी बूढ़ी माँ और छोटी बहन
कितने दिनों से उसकी चिट्ठी
के लिए तरस रही हैं!
लोग कहते
हैं कि बरमा में भयंकर युद्ध
चल रहा है। सुनते ही डर लग रहा
है। मेरा बेटा मानक गाँव से
जाकर सात महीने बीत चुके हैं।
इस बार भी डाकवाली गाड़ी आई,
हमें कोई
चिट्ठी नहीं मिली। मुन्नी कह
रही है कि अगले मंगल को ज़रूर
आएगी। लड़ाई की बात सुनते समय
बहुत घबराती हूँ। काम करने
का भी मन नहीं लगता। रात को
नींद नहीं आती। हे ईश्वर!
अगले मंगल
को उसकी चिट्ठी मिले,
या वह खुद
घर आ जाए। (घबराना
: പരിഭ്രമിക്കുക,
नींद :
ഉറക്കം)
24.
'युद्ध
किसी समस्या का समाधान नहीं'-
लेख 4
युद्ध
सदा भयानक और नाशकारी होता
है। युद्ध से दोनों पक्षों
का नुकसान होता है। संपत्ति
का भी बड़ा नाश होता है।
छोटी-छोटी
समस्याएँ बढ़कर भयानक युद्ध
में पहुँचता है। इससे दोनों
पक्षों की बड़ी हानि होती है।
सैनिकों की मृत्यु,
इमारतों
का नाश,
संपत्ति
का नाश,
पर्यावरण
प्रदूषण आदि विभिन्न प्रकार
की समस्याओं का सामना दोनों
पक्षों के देशों को करना पड़ता
है। देश का धन बड़ी मात्रा में
राष्ट्रसुरक्षा के नाम पर
खर्च किया जाता है। बाकी सभी
क्षेत्रों की उपेक्षा की जाती
है। कभी-कभी
आपातकाल घोषित किया जाता है।
युद्ध
छिड़ जाने पर युद्ध संबंधी
नियमों का उल्लंघन होता है।
दोनों पक्षों के राष्ट्र्
अपनी क्षमता दिखाने के लिए
अत्यंत नाशकारी हथियारों का
इस्तेमाल करने लगते हैं।
रासायुधों और परमाणु बमों का
भी इस्तेमाल होता है। अपनी
विजय के लिए देश कुछ भी करने
के लिए तैयार होते हैं। निर्दोष
जनता-
बूढ़े,
स्त्रियाँ,
मासूम
बच्चे-
सभी मारे
जाते हैं। हज़ारों की संख्या
में लोग घायल होते हैं।
युद्ध
समाप्त होने पर साधारण स्थिति
में पहुँचने के लिए कई सालों
तक कड़ी मेहनत करनी और बड़ी
मात्रा में धन का उपयोग करना
भी अनिवार्य होता है। परमाणु
बमों का दुष्परिणाम पीढ़ियों
तक बाकी रहता है। संक्षेप में
कहें तो युद्ध किसी भी समस्या
का भी समाधान नहीं।
(नुकसान
: നഷ്ടം,
सामना
करना :
നേരിടുക,
उपेक्षा
: അവഗണന,
आपातकाल
: അടിയന്തരാവസ്ഥ,
छिड़ जाना
:
പൊട്ടിപ്പുറപ്പെടുക,
पीढ़ी :
തലമുറ)
25.
स्कूल
के बुरे अनुभव के बारे में
मित्र के नाम ओमप्रकाश का
पत्र 4
स्थान:..................,
तारीख:.................।
प्रिय
रामलाल,
तुम
कैसे हो?
तुम्हारी
पढ़ाई कैसी है?
घर में
सब ठीक हैं न?
मैं यहाँ
ठीक हूँ।
मैं
अपने स्कूल में हुए बुरे अनुभव
के बारे में बताने के लिए यह
पत्र लिख रहा हूँ। मेरे
प्रधानाध्यापक कलीराम जी ने
मुझे तीन दिनों से कक्षा में
बैठने नहीं दिया। उतना ही
नहीं, मुझ
से वे स्कूल के कमरे,
बरामदे
और मैदान झाड़ू लगवा रहे थे।
बाकी सभी बच्चे कक्षा में
बैठकर पढ़ाई कर रहे थे। अध्यापक
और बच्चे अकेले झाड़ू लगानेवाले
मुझे छिपकर देख रहे थे। अंत
में पिताजी ने मुझे झाड़ू
लगाते देखा। उन्होंने आकर
झाड़ू उठाकर दूर फेंक दिया
और हेडमास्टर से बहस किया।
उन्होंने मुझे साथ लेकर घर
आए। मुझे डर है कि आगे मेरी
पढ़ाई कैसी चलेगी। मैं अपने
मन को ऐसा कहकर शांत करता हूँ
कि सब ठीक हो जाएगा।
तुम्हारे
माँ-बाप
को मेरा प्रणाम। छोटे भाई को
प्यार।
तुम्हारा
मित्र,
(हस्ताक्षर)
ओमप्रकाश
वाल्मीकि।
सेवा
में
के.
रामलाल,
….......................,
…........................।
(बैठने
नहीं दिया :
ഇരിക്കാനനുവദിച്ചില്ല,
बहस :
വഴക്ക്)
Ravi.
M., GHSS, Kadannappally, Kannur.
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