II
Term Exam Dec 2014 VIII Hin Ans
- तालिका की पूर्ति 2
पाठ
|
प्रोक्ति
|
रचयिता
|
पत्नी
|
कविता
|
कमल
कुमार
|
सफ़र
लंबा है मंजिल बाकी है
|
आत्मकथा
|
किरण
बेदी
|
जागरूकता
|
कहानी
|
ताराचंद
मकसाने
|
जाल,
जहाज़
और मछुआरे
|
यात्राविवरण
|
मधु
कांकरिया
|
2.
घटनाएँ
क्रमबद्ध करके लिखना 2
- रेश्मा की बुआ मुंबई आई।
- बुआ ने पुत्र प्राप्ति के लिए पूजा का आयोजन किया।
- सुधा ने श्रीकांत भैया को रेश्मा के घर भेजा।
- मोहिनी बाबा की बोलती बंद हो गई।
3.
किरण
बेदी की चरित्रगत विशेषताएँ 2
- साहसी पुलिस अधिकारी।
समस्याओं से डरनेवाली।- स्त्री-शक्ति पर विश्वास रखनेवाली।
4-7
कोष्ठक
से उचित उत्तर चुनकर लिखें।
4.
मंगर
ईमानदार आदमी था। 1
5.
पत्नी
कविता में पति की तुलना अफ़सर
से की गई है। 1
6.
जैनी का
पति सागर में गया था। 1
7.
'तेरा साई
तुझ में,
ज्यों
पुहुपन में बास'-
इसमें
पुहुपन का अर्थ फूल है। 1
8-10
किन्हीं
दो के उत्तर लिखें।
8.
केवल
तंत्र-मंत्र
से मात्र निस्संतान पति-पत्नी
संतान प्राप्त नहीं कर सकते।
इसके लिए आवश्यक इलाज करनी
पड़ती है। लेकिन लोगों के
अंधविश्वास का फ़ायदा उठाने
के लिए तांत्रिक-मात्रिक
तैयार होते हैं। इसलिए लोगों
को सावधान रहना चाहिए।(इलाज
: ചികില്സ,
फायदा
उठाना : 3
പ്രയോജനപ്പെടുത്തുക,
सावधान
रहना :
ജാഗ്രതയോടെയിരിക്കുക)
9.
पुरानी
दिल्ली में दंगाइयों ने एक
घर में सत्रह महिलाओं और बच्चों
को बंद करके ताला लगाया था और
आग भी लगायी थी। सिपाही दरवाज़ा
तोड़ने के लिए तैयार नहीं होने
पर किरण बेदी ने अपने को हैण्ड
पम्प के नीचे बैठकर भिगोया
और पैरों से पीट-पीटकर
दरवाज़ा तोड़ डाला। फिर एक-एक
करके सत्रह लोगों को बचाया। 3
10.
जैनी का
घर एक झोंपड़ी था। उसमें आवश्यक
सुविधाएँ नहीं थीं। कुछ
बर्तन-भांडे,
एक चारपाई,
एक सादी-सी
शेल्फ आदि बहुत कम सामान उसके
घर में थे। उसका परिवार एक
गरीब परिवार होने के कारण घर
में सुविधाएँ बहुत कम थीं।
उसके पाँच बच्चे ऐसे सो रहे
थे जैसे घोंसले में चिड़िया
के बच्चे। 3
11. संशोधन 2
रेश्मा
ने अपनी खास सहेली सुधा
को फोन किया और सारी बातें
एक बात में बता दीं।
12.
'मछुआरिन
अब आँखों से ओझल थी'।
इस वाक्य में 'आँखों
से ओझल'
का अर्थ
है
अप्रत्यक्ष। 1
13.
'नत नयन,
प्रिय-कर्म-रत
मन'- इसमें
'नयन'
शब्द
संज्ञा है। 1
14-16
कविता
के आधार पर उत्तर
14.
कविता
के अनुसार नारी को नेहर और
ससुराल में सताया जाता है। 1
15.
शीर्षक
– नारी। 1
16.
कविता
का आशय 4
इस
कवितांश में स्त्रियों की
बुरी हालत के बारे में बताया
गया है।
संविधान
के अनुसार समाज में स्त्रियों
और पुरुषों को समान अधिकार
है। लेकिन सभी जगह स्त्री जाति
को पुरुष जाति की तुलना में
निचला स्थान दिया जाता है।
सभी जगह नारी का पर्याप्त आदर
नहीं किया जाता है,
अपमान
किया होता है। मायके में हो
या ससुराल में-
सब कहीं
नारी सताई जा रही है।
सभी
क्षेत्रों में नारियों की
गणना पुरुषों के समान हो।
नारियों की तुल्यता के अधिकार
पर बल देनेवाली यह कवितांश
अच्छा और प्रासंगिक है।
(संविधान:
ഭരണഘടന,
अधिकार:
അവകാശം,
निचला:
താഴ്ന്ന,
मायके
में:
വിവാഹിതയായ
സ്തീയുടെ പിതൃഗൃഹം,
प्रासंगिक:
പ്രസക്തമായ)
17-19
गद्यांश
के आधार पर उत्तर
17.
कैलाश
सत्यार्थी को शांति का नोबल
पुरस्कार मिला।
1
18.
'इसपर'
में
प्रयुक्त सर्वनाम 'यह'
है।
1
19.
मातृभाषा
में अनुवाद 4
ഏതൊരു
ദേശത്തിന്റെയും ഭാവി
കുട്ടികളിലാണ്.
എന്നാല്
ഭൂരിപക്ഷം രാജ്യങ്ങളിലും
കുട്ടികളെക്കൊണ്ട്
പണിയെടുപ്പിക്കുന്നു.
ബാലവേലക്ക്
എതിരായ പ്രവര്ത്തനങ്ങളുടെ
അടിസ്ഥാനത്തില് കൈലാസ്
സത്യാര്ത്ഥിക്ക് ഈയിടെ
സമാധാനത്തിനുള്ള നോബല്
സമ്മാനം ലഭിച്ചു.
നാമെല്ലാം
ഇതില് അഭിമാനിക്കുന്നു.
20-22
किन्हीं
दो प्रश्नों के उत्तर लिखें।
20.
रामवृक्ष
बेनीपुरी की डायरी 5
तारीख:
…...............
कुछ
सालों के बाद मैं घर पहुँचा।
सुबह धूप निकल आई थी। मैं बिस्तर
पर ही था। थोड़ी-थोड़ी
देर पर कुछ गिरने की-सी
आवाज़ आती थी। रजाई हटाकर,
आँखें
खोलकर देखा। पुआल के टाल के
सामने एक काला-सा
अस्थिपंजर बार-बार
खड़ा होने की कोशिश करता और
गिरता था। ध्यान से देखा। वह
तो मंगर था!
हट्टा-कट्टा
शरीरवाला वह मंगर आज अस्थिपंजर
बन गया है। उसकी माँसपेशियाँ
ही नहीं गल गई हैं,
उसकी
हड्डियाँ तक सूख गई हैं। गरीबी
में अकेले जीवन बिताकर ऐसा
बन गया है। बुढ़ापे में लाठी
बनने को कोई संतान तक उसकी
नहीं रही। मैंने जाकर थोड़ी
देर उनकी सहयता की। उनका दृश्य
मन से दूर नहीं होता।
21.
रेश्मा-सुधा
वार्तालाप
5
रेश्मा:
सुधा,
मैं रेश्मा
बोल रही हूँ।
सुधा:
बताओ
रेश्मा,
क्या बात
है?
रेश्मा:
मेरे घर
में एक ढोंगी बाबा आ गया है।
कुछ तंत्र-मंत्र
बगैरह चल रहे हैं।
सुधा:
क्यों?
रेश्मा:
मैंने
बताया था न,
अपनी बुआ
के बारे में। शादी होके पन्द्रह
साल बीत गए हैं,
कोई संतान
नहीं।
सुधा:
हाँ,
याद है
रेश्मा। याने तुम्हारी बुआ
ने ही बाबा को घर बुलाया है।
क्या तुम्हारे फूफाजी यह
जानते
हैं।
रेश्मा:
नहीं
सुधा, वे
जानते तो ऐसा कुछ नहीं होता।
यह बाबा मेरी बुआ को ज़रूर
धोखा देगा।
सुधा:
रेश्मा,
तुमा
जल्दी घर वापस जाओ। उस बाबा
पर नज़र रखना। वह बुआ को चकमा
देकर न
बच
जाए। मैं श्रीकांत भैया को
तुम्हारे घर भेजती हूँ।
रेश्मा:
ठीक है
सुधा। जल्दी भेज तेना। मैं
अभी जाती हूँ।
सुधा:
ठीक है
रेश्मा।
22.
एक यात्रा
का विवरण 5
5-9-2014
शुक्रवार
को मैं अपने परिवार (माँ,
बाप और
बहन) के
साथ तिरुवनंतपुरम जाने के
लिए घर से निकली। पय्यनूर से
मावेली एक्सप्रेस में यात्रा
करके हम अगले दिन सुबह तिरुवनंतपुरम
सेंट्रल स्टेशन पहुँचे। हमने
होटल में कमरा लिया। जल्दी
तैयार हुए और पद्मनाभस्वामी
मंदिर गये। फिर उसके नज़दीक
रहनेवाले मन्दिर संग्रहालय
देखने गये। मन्दिर और संग्रहालय
के दृश्य बहुत सुन्दर थे।
दोपहर का खाना खाके हम शाम को
कोवलम समुद्रतट देखने गए।
दोनों ओर के समुद्र तट का हमने
बड़ा आनंद लिया। फिर कमरे में
पहुँचे। दूसरे दिन हमने
चिड़ियाघर और संग्रहालय देखने
गये। दोपहर तक हमने उस विशाल
और पोड़-पौधों
से भरे,
हरे-भरे
वातावरण में रहे। फिर थोड़ी
देर कुछ सामान खरीदे। रात को
मावेली एक्सप्रेम में ही वापसी
यात्रा। सुबह 6.30
को पयंगाड़ी
रेलवे स्टेशन में और 7.30
के पहले
घर में पहुँचे।
(संग्रहालय:
മ്യൂസിയം, चिड़ियाघर:
മൃഗശാല,
वापसी
यात्रा:
മടക്കയാത്ര)
23.
स्कूल
वार्षिकोत्सव – पोस्टर 4
सरकारी
हायर सेकंडरी स्कूर,
कडन्नप्पल्लि
स्कूल
वार्षिकोत्सव
23-1-2015
शुक्रवार
को
- जुलूस
- सांस्कृतिक कार्यक्रम
- प्रतियोगिताएँ
- सार्वजनिक सम्मेलन
मुख्यातिथि:
श्री.
टी.वी.
राजेश,
एम.एल.ए.
सबका
स्वागत है
प्रधानाध्यापक
अध्यक्ष,
पी.टी.ए.
(जुलूस:
ഘോഷയാത്ര,
साँस्कृतिक
सम्मेलन:
സാംസ്കാരിക
പരിപാടികള്)
Ravi. M., GHSS, Kadannappally, Kannur.
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