16 Dec 2015

Dec 2015 VIII Hin Ans


VIII Hin Qn Dec. 2015 Answers
1. तालिका की पूर्ति                                            2
पाठ
प्रोक्ति
रचयिता
बात उस मंगलवार की
डायरी
रमणी अटकुरी
मेरे बच्चे को सिखाएँ
पत्र
अब्रहाम लिंकन
सुख-दुख
कविता
सुमित्रामंदन पंत
2. घटनाओं को क्रमबद्ध करना।                                        2
  • अरुण गाँधी अपने पिताजी के साथ शहर की ओर निकला।
  • पिताजी को मीटिंग की जगह छोड़ा
  • जॉन बेन की एक दिलचस्प फिल्म देखते-देखते समय बीत गया।
  • शाम को छह बजे पिताजी के पास पहुँचा
3. डॉ. रमणी अटकुरी की चरित्रगत विशेषताएँ                    2
  • गरीबों को प्यार करनेवाली
  • नौकरी के प्रति समर्पण भाव रखनेवाली।
  • अपने आप को महान समझनेवाली।
    सूचनाः 4 से 6 तक के प्रश्नों के उत्तर कोष्ठक से चुनकर लिखें।
4. बीमारी का कारण गरीबी है।                                           1
5. यह अब्रहाम लिंकन का विचार है।                                   1
6. ज्ञान का उपयोग भलाई के लिए होना चाहिए।                        1
    सूचनाः 7 से 10 तक के प्रश्नों में से किन्हीं तीन के उत्तर लिखें। (3x2-6)
7. जिस प्रकार दिन के बाद रात और रात के बाद दिन होता है उसी प्रकार जिंदगी में सुख के बाद दुख और दुख के बाद सुख का क्रम होता है। इसलिए कवि कहते हैं कि दुख के बाद सुख होते समय वह ज्यादा आनंददायक होता है। याने अविरत सुख उत्पीड़न है। मैं भी इससे सहमत हूँ।
8. पैसा कमाने के संबंध में अब्रहाम लिंगन का मत है- मेहनत से कमाई एक कौड़ी भी हराम से मिली नोटों की गड्डी से कहीं अधिक मूल्यवान होता है। याने गलत रास्ते से कभी भी पैसे नहीं कमाना चाहिए।
9. अरुण गाँधी अपने परिवार के साथ डरबन से 18 मील दूर एक आश्रम में रहते थे। उनके मित्र और रिश्तेदार भी शहर में या दूर रहनेवाले थे। इसलिए वे हमेशा शहर जाने के इंतज़ार में रहते थे। शहर जाने पर सिनेमा भी देख सकते थे।
10. गरीब मज़दूरों के घरों/झोंपड़ियों में ज़रूरी सुविधाएँ नहीं होतीं। अमीर लोगों के घरों के समान अच्छे दरवाज़े-खिड़की तक नहीं होने से उनके घर सीलन और नमी से कभी भी मुक्त नहीं होते।
आशय से संबंध रखनेवाली पंक्ति चुनें                        1
11. बड़ा हुआ तो क्या हुआ, जैसे पेड़ खजूर।
12. अर्थ चुनकर तालिका भरें।
हार
पराजय
दुनिया
संसार
इंसान
मनुष्य
मेहनत
परिश्रम
आसमान
गगन
शर्म
लज्जा
सबक
सीख
13. रामु अच्छा लड़का है। उसके घर में एक छोटा कुत्ता है। उसका नाम नीलू है। वह ज़ोर से भौंकने पर सब लोग
डर जाते थे                                                                 2
14. हम बत्तीस हैं। यहाँ हम दाँत हैं।                                      1
15. 'जीभ और दाँत'                                                   1
16. कविता का आशय                                                 3
      हिंदी के मशहूर कवि अरुण कमल ने इस कवितांश में दाँतों और जीभ के बीच के एक बहस का वर्णन रोचक ढंग से किया है।
     दाँत जीभ से कहते हैं- हे जीभ! तू संभलकर रह, हम बत्तीस हैं और तू अकेली। ज़्यादा बोलेगी या आवाज़ उठाएगी तो हम चबा देंगे तुझे। लेकिन जीभ ने कहा कि आप बत्तीस हैं और मैं अकेली हूँ। आप सब एक-एक करके झड़ जाएँगे लेकिन मैं, जब तक यह शरीर जीवित रहेगा तब तक इसी में रहूँगी। इसलिए मुझे डराना छोड़ दें।
     इस कविताँश के द्वारा कवि अरुण कमल यह समझाना चाहते हैं कि इस धरती में हर एक का अपना महत्व होता है। हमें किसी को भी हीन भावना से नहीं देखना चाहिए। यह कवितांश बिलकुल प्रासंगिक और अच्छा है।
      17-19 गद्यांश के आधार पर उत्तर
17. जल प्रकृति की अमूल्य संपदा है।                                    1
18. जल नहीं तो हम नहीं। जल जीवन का आधार है।                   1
19. ഭാരതം ജലം സമൃദ്ധമായി ലഭ്യമായ രാജ്യങ്ങളിലൊന്നാണ്. എന്നാല്‍ എല്ലായിടങ്ങളിലും ഇത് ഒരേപോലെ ലഭ്യമല്ലെന്നതാണ് പ്രയാസം.                                             3
     सूचनाः 20 से 22 तक के प्रश्नों में से किन्हीं दो के उत्तर लिखें। (2x4=8)
20. सफल जीवन पर लघु लेख
सफल जीवन
जीवन की अवधि लंबी नहीं होती। अत: इस क्षणिक जीवन में हमें कुछ आदर्शों का पालन करना अच्छा होता है।
हमें सदा सच बोलना चाहिए। झूठ बोलना बुरी आदत है। एक झूठ बोलने पर और भी कई झूठ बोलने पड़ते हैं। मानव एक सामाजिक प्राणी है। उसे स्वार्थ भावना छोड़ देनी चाहिए। सभी नागरिकों में निस्वार्थ भावना हो तो समाज में बड़ा सकारात्मक परिवर्तन होता है। देश की उन्नति और अखंडता के लिए हमें देशप्रेमी होना चाहिए। यदि कोई व्यक्ति देश के विरुद्ध कार्य करता है तो उसे रोकना चाहिए। हमें अच्छे मार्ग पर चलना चाहिए। भलाई के पक्ष में खड़ा रहना चाहिए। संपूर्ण समाज ही बुराई के मार्ग पर चलने पर भी हमें बुराई को स्वीकार नहीं करना चाहिए। याने हमें अपने अच्छे विश्वास और आदर्श पर अडिग रहना चाहिए। हमारी जिंदगी सुखमय होने के लिए प्रकृति की रक्षा अनिवार्य है। स्वच्छ प्रकृति स्वच्छ वायु और स्वच्छ जल प्रदान करती है। अत: हमें सदा प्रकृति की रक्षा करनी चाहिए।
दुनिया में हमारा जीवन सफल और सार्थक बने। इसके लिए हमें उपर्युक्त बातों पर विशेष ध्यान देना चाहिए।
21. अकबर – बूढ़ी महिला वार्तालाप
बूढ़ी महिला: प्रणाम हुज़ूर।
अकबर : ज्ञान पाने के बारे में आप क्या कहना चाहती हैं?
बूढ़ी महिला: बुद्धिमान व्यक्ति जानते हैं कि सबकुछ सीख जाना संभव नहीं है।
अकबर : फिर।
बूढ़ी महिला: लेकिन सबको यह सीखना चाहिए कि अच्छा इंसान कैसे बन जा सकता है।
अकबर : उसके लिए क्या करना चाहिए?
बूढ़ी महिला: हमें सदा भलाई के मार्ग पर चलना चाहिए। बुराई के मार्ग को कभी भी स्वीकार करना नहीं
चाहिए।
अकबर : आप बड़ी ज्ञानी हैं। मैं आप का प्रणाम करता हूँ। बीरबल कहते हैं कि आप उनके पहले और श्रेष्ठ
गुरुओं में एक हैं। बिलकुल सही लगता है।
बूढ़ी महिला: धन्यवाद जहाँपनाह!
अकबर: आज के दिन ने मुझे बहुत बड़ी जानकारी दी है। इसके लिए मैं बीरबल से आभारी हूँ। और,
आप जैसी महान ज्ञानियों का परिचय भी हुआ है। धन्यवाद।
22. स्कूल वार्षिकोत्सव – पोस्टर                                 3
सरकारी हायर सेकंडरी स्कूल, कडन्नप्पल्लि
स्कूल वार्षिकोत्सव 2016
7 जनवरी, 2016 गुरुवार
  • शैक्षिक प्रदर्शनी
  • कला-साहित्यिक प्रतियोगिताएँ
  • साँस्कृतिक कार्यक्रम
  • सार्वजनिक सम्मेलन
मख्यातिथि: श्रीमती पी.पी. लता
महापौर, कण्णूर नगर निगम
सबका स्वागत है
अध्यक्ष, पी.टी..                              प्रधानाध्यापिका

                                                          Ravi. M.














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