20 Aug 2012

No. 73 IX Hin. Qn. Aug. 2012 - Answers - A Model


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Aug. 2012 IX Hin. Qn. Answers – A Model

1. तालिका की पूर्ति करें।                                   1
पाठ                        प्रोक्ति             रचयिता 
मेमना                            लंबी कहानी           लोकबाबू
पाँव तले दबी गर्दन              उपन्यास(का अंश)    प्रेमचंद
खेती नहीं करनेवाला किसान  कविता           निलय उपाध्याय

2. निम्नलिखित घटनाओं को क्रमबद्ध करके लिखें             2
  • होरीराम ज़मींदार से मिलने के लिए जाने लगा।
  • धनिया उपले पाथकर आई।
  • धनिया ने लाठी, मिरजई आदि लेकर होरी के सामने पटक दिए।
  • होरी कंधे पर लाठी रखकर घर से निकला।
3. निम्नलिखित चरित्रगत विशेषताओं में से धनिया की
विशेषताएँ चुनकर लिखें                                      2
  • सदा उदासीनता का भाव रखनेवाली
  • ज़मींदारी पर विद्रोह करनेवाली।
सूचना: उचित उत्तर चुनकर लिखें।
4. मुसरा जानेवाली गाड़ी की द्वितीय श्रेणी का डिब्बा कैसा था?  1
  • गंदा और बदबूदार
5. पाँव तले दबी गर्दन का मतलब क्या है-                      1
  • अधीन में रहना
6. किसान अपने भाई के पास क्यों गया?                        1
  • अच्छे बीज की तलाश में
7. खेती नहीं करनेवाला किसान गाँव छोड़कर क्यों शहर की ओर जाता है?1
  • विवशता के कारण (विवशता: helplessness,നിസ്സഹായത)

सूचना: 8 से 10 तक के प्रश्नों में से किन्हीं दो
के उत्तर लिखें।                                                2X2=4
8. 'बैल बेचकर चुकाता है, महाजन का कर्ज'- किसान को
क्यों ऐसा करना पड़ा?                                                  2
             किसान अपनी आर्थिक कठिनाई के कारण बीच-
बीच में महाजन से कर्ज लेता है। गरीबी और आर्थिक कठिनाई
उसे अंत में खेत पट्टे पर लगाने और बैल बेचने में विवश करती हैं।
9. 'गाँव का मुखिया बीज-धान देगा। मगर दुगुना देना पड़ेगा।' क्यों?  2
           गाँव का मुखिया वहाँ के गरीब किसानों का शोषण
करनेवाला है। कठिनाई के अवसर पर मुखिया बीज-धान तो
देता है, लेकिन फसल काटते समय किसानों से दुगुना वसूल
करता है। इस प्रकार किसान की मेहनत की उपज मुखिया अपना
लेता है।
10. होरी व्यवहार-कुशल है- स्पष्ट करें।                             2
         होरीराम आवश्यकता पड़ने पर ज़मींदार से मदद लेता है।
वह अपने ऋणभार से कभी भी मुक्त नहीं होता। इसलिए बीच-
बीच में ज़मींदार के पास जाकर उसकी खुशामद करता है। नहीं तो
बेदखली या कुड़की होने की संभावना भी है। उसका विचार था
कि जब दूसरे के पाँव तले अपनी गर्दन दबी हुई है, तो उन
पाँवों को सहलाने में ही कुशल है। (ऋणभार: കടഭാരം)
सूचना: निम्नलिखित अंश का संशोधन करके लिखें।
11. हमारे गाँव में एक लंबी नदी है। उसके किनारे लहलहाते
      खेत हैं। किसान सबेरे हल लेकर खेत जाता है।
      ('लहलहाते खेत है' के बदले में लहलहाते खेत हैं होना चाहिए था)
सूचना: निम्नलिखित शब्दों के साथ उपसर्ग जोड़कर विपरीतार्थक
शब्द बनाएँ
12.          + विश्वास =अविश्वास                                 2
                 + विवाहित =अविवाहित
              + समय =असमय
                 + शांत =अशांत
सूचना: निम्नलिखित कवितांश पढ़कर नीचे दिए
प्रश्नों के उत्तर लिखें।
            सबके जीवनदाता पेड़
            सबके भाग्य विधाता पेड़
            फल-फूल, दवा, छाल, लकड़ी
            के सबसे बड़े दाता पेड़।
            वायु प्रदूषण दूर भगाकर
            अपना फर्ज निभाता पेड़।
13. सबके जीवनदाता और भाग्य विधाता कौन है?                        1
  • कविता के अनुसार पेड़ सबके जीवनदाता और भाग्य विधाता है।
14. कवितांश के लिए उचित शीर्षक दें।                                   1
  • 'जीवनदाता पेड़'
15. कवितांश का आशय लिखें।                                          3
पेड़ मानव, पशु-पक्षी- सबके जीवनदाता हैं। शीतलता,
छाया, छाल, लकड़ी, औषधियाँ, फल-फूल आदि प्रदान करनेवाले
पेड़ सबके भाग्यविधाता भी हैं। श्वासोच्छ्वास के समय हम ऑक्सिजन
को अंदर लेकर कार्बन डाई ऑक्साइड को बाहर निकालते हैं। पेड़ ठीक
उल्टे कार्बन डाई आक्साइड को अंदर लेकर ऑक्सिजन को बाहर
छोड़ देते हैं। इस प्रकार पेड़ हमें प्राणवायु प्रदान करते समय प्रदूषण
को रोक भी देते हैं। हमें बारिश मिलने में भी पेड़ों का बड़ा हाथ है।
संक्षेप में कहें तो पेड़ सबके जीवनदाता और भाग्य विधाता हैं।
बढ़ते प्रदूषण के इस ज़माने में यह कविता बिलकुल उचित
और प्रासंगिक है।
सूचना: निम्नलिखित खंड पढ़कर नीचे दिए प्रश्नों के
उत्तर लिखें।
जम्मु और कश्मीर एक सुंदर राज्य है। यहाँ ऊँची-ऊँची
पहाड़ियाँ और चोटियाँ हैं। यहाँ की प्रकृति सुंदरता मन को
मोह लेती है। इसे प्रकृति का स्वर्ग कहा गया है। यह एक अकेला
राज्य है जिसका प्राचीन काल से ही लिखित इतिहास उपलब्ध है।
16. कश्मीर कहाँ स्थित है?                                     1
  • कश्मीर उत्तर भारत में स्थित है।
17. खंड से दो संज्ञा शब्द चुनकरे लिखें।                       1
  • (कश्मीर, भारत)
    + जम्मु, राज्य, पहाड़ी, चोटी, प्रकृति, सुंदरता,
        मन, स्वर्ग, काल, इतिहास
18. शंड से दो विशेषण शब्द चुनकर लिखें।                    1
  • (सुंदर, ऊँची) + अकेला, प्राचीन, लिखित
19. जम्मु और कश्मीर को प्रकृति का स्वर्ग क्यों कहा गया है? 2
       जम्मु और कश्मीर एक सुंदर राज्य है। यहाँ ऊँची-ऊँची
पहाड़ियाँ और चोटियाँ हैं। यहाँ की प्रकृति सुंदरता मन को मोह
लेती है। इसलिए इसे प्रकृति का स्वर्ग कहा गया है।
सूचना: पोस्टर तैयार करें।
20. मान लें, आपके गाँव के एक किसान को कर्षक रत्न
      पुरस्कार मिला। इस अवसर पर बधाई समारोह आयोजित है।
      एक पोस्टर तैयार करें                                   3

                 खेती का काम पवित्र काम
                 कर्षकरत्न श्री गंगाधर का
                    आदर करने के लिए
                  बधाई समारोह
                 कण्णूर टाउन हॉल में
                 25अगस्त2012 सायं 4 बजे
                उद्घाटन: श्री. के.पी. मोहनन,
                         (कृषि मंत्री, केरल)
                       सबका स्वागत है

सूचना: 21 से 23 तक के प्रश्नों में से किन्हीं दो
            प्रश्नों के उत्तर लिखें।                   4X2=8
21. रेल यात्रा के अनुभव के बारे में किसान अपनी डायरी में
      लिखता है। वह डायरी कल्पना करके लिखें।      4
स्थान: मुसरा
तारीख: …....
आज मैं भाई के घर से रेलगाड़ी में वापस आते समय
एक अजीब-सी घटना हुई। डिब्बे में कुछ नौजवान लड़के थे,
उजले कपड़े पहने, अफसरनुमा- बड़ा ऊधम मचा रहे थे।
अन्य यात्रियों को बैठने नहीं दे रहे थे, लेकिन सबकी मज़ाक
करते भी थे। बिना टिकट यात्रा करते हुए टिकटवालों का अपमान
करते थे। उनका आतंक बढ़ा, मुझ पर हाथ रखने लगा तो प्रतिक्रिया
करनी पड़ी। मेरे हाथ से दो-तीन ज़ोरदार थप्पड़ उन्हें शिष्ट बना
दिए थे। बड़े दुख की बात है कि भरे हुए डिब्बे में कोई भी यात्री
उनके विरुद्ध आवाज़ नहीं उठा रहे थे। हे भगवान! आज की
यात्रा मैं कभी भी नहीं भूल सकता।
22. होरीराम ज़मींदार से मिलने के लिए जाने लगा। धनिया
      और होरी के बीच हुए वार्तालाप कल्पना करके
      लिखें                                                      4
होरीराम: धनिया, ज़रा मेरी लाठी दे दे।
धनिया: कहाँ जा रहे हो?
होरी: मालिक से मिलने जा रहा हूँ।
धनिया: अरे, कुछ रस पानी तो कर लो, ऐसी जल्दी क्या है?
होरी: अबेर हो गई तो मालिक से भेंट न होगी।
धनिया: क्यों?
होरी: असनान-पूजा शुरू करने लगें तो घंटों बैठे
        बीत जाएगा।
धनिया: इसी से तो कहती हूँ, कुछ जलपान कर लो।
होरी: तुम्हें मैं कैसे समझाऊँ?
धनिया: आज न जाओगे तो कौन हरज होगा? अभी तो
           परसों गए थे।
होरी: तू जो बात नहीं समझती उसमें टाँग क्यों
       अड़ाती है?
धनिया: बार-बार जाके उनके मुँह दिखाने की क्या
          ज़रूरत है?
होरी: इसी मिलते-जुलते रहने का परसाद है अब तक
       जान बची हुई है। मालूम है तुम्हें कितने लोगों पर 
      कुड़की हुई, बेदखली हुई?
धनिया: मुझे तो यह अनावश्यक ही लगता है।
होरी: उनकी कृपा से हमारी जिंदगी चलती है। जब
       दूसरे के पाँव तले अपनी गर्दन दबी हुई
       है, तो उन पाँवों को सहलाने में ही कुशल है।
धनिया: ठीक है, लो, लाठी, मिरजई, जूते, पगड़ी,
         तमाखू सब। जाओ।
23. 'खेती के बिना हम नहीं, किसान हमारे अन्नदाता'
इसपर एक लेख लिखें।                                  4
                  किसान हमारे अन्नदाता
       भारत एक कृषिप्रधान देश है। यहाँ 70% लोग खेती में
लगे हैं। खेती का काम पवित्र काम माना जाना चाहिए। किसान
हमारे अन्नदाता हैं, हमें उनका आदर करना चाहिए।
आज के ज़माने में गरीबी, निर्धनता आदि विभिन्न कठिनाइयों
से लोग खेती में कम रुचि दिखाने लगे हैं। खेती एक संस्कृति है।
किसानों का, खेती छोड़कर अन्य कामों में लग जाना सकारात्मक
नहीं। वास्तव में कड़ी मेहनत करके किसान जो फसलें उगाते हैं,
हमारे लिए अन्न बनता है। सभी किसान अपनी खेती छोड़ने लगे
तो देश का भविष्य क्या होगा? किसानों के परिश्रम से हम रोटी
खाते हैं, भूख मिटाते हैं। कीचड़ में काम करने के लिए नई पीढ़ी
तत्परता नहीं दिखाती। वे सफेदपोश पेशों में अत्यधिक तत्पर हो
रहे हैं। यह हमारे देश के लिए भयंकर समस्या बनने की संभावना है।
सरकार को किसानों की समस्याओं पर अधिक ध्यान
देना चाहिए। उनकी सहायता करने के लिए नई योजनाएँ बनाना
अनिवार्य है। अच्छे बीज, खाद, आर्थिक सहायता आदि देकर
उनको शोषक ज़मींदार-मध्यवर्ती लोगों से बचाना चाहिए।
किसान असल में हमारे अन्नदाता हैं। उनके बिना हमारा
जीना असंभव होगा।

तैयारी: रवि.एम., सरकारी हायर सेकंडरी स्कूल, कडन्नप्पल्लि।

1 comment:

  1. रसाख जी ने पहले पोस्ट पर जो विचार प्रकट किया था, उसके आधार पर पुन: पोस्ट किया है। जल्दबाज़ी में और लंबे समय तक करते रहते समय भूल हो गई है। धन्यवाद रसाख जी। रवि.

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